छत्तीसगढ़

महावर फार्मा: मालिक गिरफ्तार, दवा जब्त

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के नसबंदी कांड के सिलसिले में महावर फार्मा के मालिकों को गिरफ्तार कर लिया गया है. शुक्रवार को छत्तीसगढ़ पुलिस ने राजधानी स्थित महावर फार्मा के मालिक रमेश महावर और सुमीत महावर को गिरफ्तार कर लिया है. इसी के साथ रायपुर में महावर फार्मा द्वारा निर्मित सिप्रोसीन के दो लाख 19 हजार, आईबोप्रोफेन के 52 हजार, नोरटिना टी. जेड के चार लाख 90 हजार, रिएक्टिव प्लस के नौ लाख चार हजार, क्लोरोक्विन के दस लाख 23 हजार टेबलेट विभिन्न दवा दुकानों से जबात कर सील कर दिया गया है. गौरतलब है कि नसबंदी कांड में उपयोग में लाये गये सिप्रोसीन दवा से कथित रूप से बीमार पड़ने तथा मरने के आरोपों के बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने शुक्रवार को इस दवा कंपनी के दवाओं को प्रतिबंधित घोषित कर दिया था.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के पेंडारी तथा पेंड्रा के नसबंदी सिविरों में इसी कंपनी की दवा सिप्रोसीन दवा दी गई थी. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि इसी दवा से महिलाओं की हालत बिगड़ी तथा 13 मौते हुई हैं तथा 138 के करीब बीमार हैं. जिनमें से कई लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर जिंदा है तथा कईयों की किडनी खराब हो जाने के कारण उनका डायलिसिस किया जा रहा है.

सरगुजा जिला
सरगुजा जिले के मुख्यालय अम्बिकापुर में स्थानीय औषधि विक्रेता संघ के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर को सौंपे गए प्रतिवेदन में जानकारी दी है कि वहां महावर फार्मा कम्पनी का कोई अधिकृत स्टॉकिस्ट नहीं है. प्रशासन के संयुक्त जांच दलों ने सरगुजा जिले के सभी तहसीलों के सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण किया . निरीक्षण के दौरान महावर फार्मा की एक लाख से ज्यादा गोलियां वापस लेकर उन्हें सील कर दिया गया. इनमें से 95 हजार 200 टेबलेट शासकीय जिला अस्पताल अम्बिकापुर के औषधि भंडार से वापस लिए गए.

राजनांदगांव जिला
राजनांदगांव जिले में भी शुक्रवार को सघन जांच अभियान चलाया गया, जिसमें जिले के सभी मेडिकल दुकानों तथा दवाईयों के थोक और चिल्हर विक्रेताओं के यहां आकस्मिक निरीक्षण में प्रशासनिक अधिकारियों ने महावर फार्मा रायपुर द्वारा निर्मित लगभग एक लाख 87 हजार टेबलेट जप्त कर लिए.

धमतरी जिला
धमतरी जिले में भी यह अभियान चलाया गया, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों, मितानिनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से इस कम्पनी के बीस हजार सेप्ट्रॉन टेबलेट वापस लेकर सील कर दिए गए. धमतरी शहर में भी जांच दलों ने मेडिकल स्टोर्स का आकस्मिक निरीक्षण किया और प्रतिबंधित दवाईयों को जप्त कर लिया.

दुर्ग जिला
दुर्ग जिले में जांच अभियान के तहत प्रशासन द्वारा 30 छापामार दलों का गठन किया गया है. इन दलों में शामिल अधिकारियों ने आज सरकारी अस्पतालों, निजी क्षेत्र के अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण किया. इस दौरान जिला चिकित्सालय में 20030 सिप्रोसीन टेबलेट वापस लिए गए. सरस्वती मेडिकल स्टोर्स जीवन रेखा परिसर से 5800 सिप्रोसीन टेबलेट और जैन मेडिकल स्टोर्स जीवन रेखा परिसर से 480 मेट्रोडाइजेन टेबलेट सील कर दिए गए. एसीसी जामुल की मेडिकल दुकान से 1000 सिप्रोसीन टेबलेट जप्त कर लिए गए.

महासमुन्द जिला
महासमुन्द जिले में भी सघन जांच अभियान चलाया गया. इस दौरान दुकानों में सिप्रोफाक्सेसिन एवं अन्य दवाईयों की जांच की. जिले के विकासखण्ड मुख्यालय पिथौरा के बंसल मेडिकल स्टोर्स, गर्ग मेडिकल स्टोर्स, प्रीत मेडिकल स्टोर्स एवं शिव मेडिकल स्टोर्स में सात दवाईयां महावर फार्मा की पाई गई, जिन्हें सील कर दिया गया. जिले के अन्य विकासखंडों में इस फार्मा की कोई भी औषधि जांच के दौरान नहीं पाई गई.

जांजगीर-चाम्पा जिला
जांजगीर-चाम्पा जिले से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार वहां जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त जांच दल बनाकर अभियान चलाया गया. अभियान के तहत जिला 5600 नग पैरासिटामॉल और 4300 नग क्लोट्रीमेक्साजोले वापस लेकर सील कर दिया गया. इसी प्रकार विकासखण्ड अकलतरा में 6600 नग पैरासिटामॉल, पामगढ़ में 4300 नग क्लोट्रीमेक्साजोल, मालखरौदा विकासखण्ड में 8400 नग पैरासिटामॉल, डभरा में 150 नग स्प्रिोफ्लाक्सिन और 4000 नग पैरासिटामॉल जप्त कर सील कर दिया गया है.

गरियाबंद जिला
गरियाबंद के शासकीय जिला अस्पताल में इस कम्पनी के 9600 नग सिप्रोसिन 500 एम.जी. और आईबूब्रुफेन के 6500 टेबलेट वापस लेकर उन्हें सील कर दिया गया. सूरजपुर जिले में भी यह अभियान चलाया गया, जिसमें जिले के सरकारी अस्पतालों से लगभग दो लाख 59 हजार टेबलेट वापस लेकर उन्हें सील कर दिया गया.

बालोद जिला
बालोद जिले में सघन अभियान के प्रथम दिवस पर आज सरकारी और निजी अस्पतालों तथा मेडिकल दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान महावर फार्मा द्वारा उत्पादित दवाई शासकीय चिकित्सालय डौण्डी में सिप्रोसिन 500 एम.जी. की 4200 नग टेबलेट, शासकीय चिकित्सालय डौण्डीलोहारा में सिप्रोसिन 500 एम.जी. की 5200 नग टेबलेट, शासकीय चिकित्सालय गुण्डरदेही में पैरासिटामॉल की 3810 नग टेबलेट, सिप्रोफ्लोक्सिन की 2490 नग टेबलेट, मेट्रोनिडाजोल की 1570 नग टेबलेट, शासकीय चिकित्सालय गुरूर में पैरासिटामॉल की 5000 नग टेबलेट और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के स्टोर से सिप्रोसिन 500 एम.जी. की 23600 नग टेबलेट वापस लेकर सील कर दिए गए. डौण्डी में सुभाष मेडिकल स्टोर से डायसरेस टी की 18600 नग टेबलेट, गुरूर में मेसर्स मॉ मेडिकल स्टोर से निमोपैरा की 135 नग टेबलेट, डायक्लोपैरा की 610 नग टेबलेट, पैरासिटामॉल लुज की 3100 नग टेबलेट, पैरासिटामॉल स्ट्रिप की 500 नग टेबलेट, रेनिटिडिन की 43 नग टेबलेट और मेसर्स जयश्री मेडिकल स्टोर ग्राम भरदा से डायक्लोपैरा की 450 नग टेबलेट सील किए गए.

बिलासपुर जिला
बिलासपुर कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने शुक्रवार को जिले के केमिस्ट संघों की बैठक लेकर उन्हें राज्य सरकार के निर्देशों की जानकारी दी और प्रतिबंधित दवाईयों की बिक्री नहीं करने के निर्देश दिए.

जशपुर
जशपुर कलेक्टर हिमशिखर गुप्ता ने भी जिला मुख्यालय जशपुर में जनता के नाम अपील जारी कर महावर फार्मा रायपुर की प्रतिबंधित दवा टेबलेट सिप्रोसिन 500 एम.जी. और अन्य प्रतिबंधित दवाईयों की खरीदी नहीं करने का आग्रह किया है. कलेक्टर ने जशपुर जिले के सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारियों को अपने-अपने अनुविभाग में दवा विक्रेताओं की बैठक लेने के निर्देश दिए हैं.

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