छत्तीसगढ़

बच्चों के लिये नीति बना रहा है छत्तीसगढ़

रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रस्तावित बाल-नीति का प्रारूप तैयार कर लिया है. इस पर विभिन्न विभागों से राय भी ली जा रही है. इसके बाद प्रस्तावित बाल-नीति को महिला और बाल विकास विभाग को भेजा जाएगा. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में बच्चों के सर्वागीण विकास, उनके अधिकारों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए जल्द ही बाल-नीति बनाया जा रहा है.

राष्ट्रीय बाल नीति 2013 के क्रियान्वयन के लिए यह बाल-नीति तैयार की जा रही है. महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक दिलीप वासनीकर का कहना है, “केंद्रीय नीति के अनुरूप राज्य की बाल नीति तैयार की जा रही है. प्रस्तावित बाल नीति को अंतिम रूप देने से पहले विभिन्न विभागों व विशेषज्ञों से राय ली जा रही है.”

अधिकारिक जानकारी के मुताबिक अप्रैल 2013 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूरे देश में बच्चों के लिए कार्यक्रमों और योजनाओं के क्रियान्वयन में मदद करने के लिए बच्चों के लिए राष्ट्रीय नीति को मंजूरी दी थी. इसके अनुरूप राज्य की प्रस्तावित बाल नीति में बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण और विकास, शिक्षा, सुरक्षा और भागीदारी को प्राथमिकता देने का प्रावधान रहेगा. भारतीय संविधान देश के सभी बच्चों को मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है.

इस नीति के माध्यम से सभी बच्चों को समान अवसर सुनिश्चित करना और उनके अधिकार की रक्षा करना है. जीवन का अधिकार, अस्तित्व, स्वास्थ्य और पोषण हर बच्चों का अधिकार है और सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी. हर बच्चे को पर्याप्त पोषण का अधिकार है और भूख, अभाव और कुपोषण के खिलाफ की रक्षा की जाएगी.

प्रसव पूर्व देखभाल, कुशल स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा सुरक्षित प्रसव, प्रसवोत्तर देखभाल और पोषण का समर्थन सहित मातृ स्वास्थ्य देखभाल में सुधार लाने को ध्यान में रखना होगा. सभी बच्चों को समान अधिकार है और कोई भी भाषा, धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्म, वर्ग, भाषा की जगह और विकलांगता, सामाजिक, आर्थिक या किसी अन्य स्थिति के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा.

ये होंगे प्रमुख बिंदु :

हर बच्चे को शिक्षा, ज्ञान और शिक्षा के बराबर का अधिकार है.

सभी बच्चों के लिए माध्यमिक स्तर के लिए सस्ती और सुलभ गुणवत्ता शिक्षा को बढ़ावा.

प्रशिक्षण, कैरियर परामर्श और व्यावसायिक मार्गदर्शन सक्षम करने के लिए अंतर क्षेत्रीय नेटवर्क.

स्कूलों में सभी प्रकार के भेदभाव और समान अवसर, उपचार और भागीदारी को बढ़ावा.

अनुकूल माहौल बनाने वंचित समूहों के लिए शिक्षा को प्राथमिकता.

बच्चों की शारीरिक सुरक्षा व सुरक्षित सुनिश्चित करना.

सभी बच्चों के लिए देखभाल, सुरक्षा और सुरक्षित वातावरण का निर्माण करना.

बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना.

विकलांग और अल्पसंख्यक समूहों या हाशिए पर समुदायों के बच्चों को बढ़ावा.

बच्चों की गरिमा भी महत्वपूर्ण और मौलिक है.

हर बच्चे को जीवन, अस्तित्व, विकास, शिक्षा, सुरक्षा और सहभागिता का अधिकार.

हर बच्चे को शोषण से मुक्त एक सम्मानजनक जीवन का अधिकार.

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