छत्तीसगढ़

फागुनी फुहारों ने बर्बाद की फसलें

रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ में मंगलवार की सुबह से ही प्रदेश के विभिन्न इलाकों में बारिश जारी है. आज सुबह से राजधानी वासियों को सूर्य देव के दर्शन भी नसीब नहीं हुए हैं. पिछले पंद्रह दिनों से राजधानी समेत पूरे प्रदेश में रुक-रुक कर बारिश हो रही है, कहीं हल्की बारिश तो कहीं तेज और कहीं-कहीं पर ओले भी गिर रहे हैं जिससे रबी की फसलें बुरी तरह से प्रभावित हो गई हैं. वहीं बेमौसम बारिश की वजह आम जन जीवन भी पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है.

मौसम वैज्ञानिक एन.एस. मेहता के अनुसार, पृथ्वी की सतह से दो किलोमीटर तक हवा का रुख पूर्व की तरफ है, जबकि इसके ऊपर पछुआ (पश्चिमी) हवा बह रही है. जिस वजह से पूर्वी मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ तक एक चक्रवात बना हुआ है. इसकी वजह से बारिश हो रही है. उनका कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में इसी तरह रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना है.

कृषि वैज्ञानिक आर एन धुरंधर का कहना है कि रबी के मौसम में छत्तीसगढ़ के किसान प्रमुख रूप से चने की फसल उगाते हैं, चने के पक कर कटने को तैयार फसल बारिश और ओलों के कारण खेत में ही बर्बाद हो रहे हैं. खेतों में पानी भरा होने के कारण किसान उन्हें काटने में अक्षम हैं. वहीं पपीते, टमाटर, अरहर, तिउरा आदि की फसलें भी प्रभावित हो गई हैं.

सूबे में बारिश के कारण सोसाइटियों में रखे लाखों क्विंटल धान पर भी सड़ने का खतरा मंडरा रहा है.

गौरतलब है कि सोसाइटियों में धान खुले में रखे हुए हैं, वहां बेमौसम बारिश की वजह से पानी भर गया है, जिससे बोरियों में रखे धान में पानी भरने का खतरा बना हुआ है. इससे लाखों क्विंटल धान के खराब होने की संभावना बनी हुई है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!