छत्तीसगढ़बिलासपुर

पराई कोख से मां बनने पर भी अवकाश

बिलासपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पराई कोख से मां बनने पर भी मातृत्व अवकाश का पात्र माना है. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सरोगेट पद्धति से मां बनने वाली महिला को भी नियमानुसार मातृत्व अवकाश पाने का पात्र माना है.

गौरतलब है कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला, उतई में व्याख्याता साधना अग्रवाल सरोगेट पद्धति से जुड़वा बच्चों की मां बनी. इस चिकित्सीय पद्धति में महिला का बच्चा किसी दूसरे के कोख में पलता है परन्तु आनुवांशिक तौर पर अपने मां-बाप का ही बच्चा होता है.

दरअसल, कुछ शीरीरिक समस्याओं के कारण से बच्चे का जन्म पराई कोख से कराया जाता है. चिकित्सा विज्ञान में हो रहे नये-नये खोजों और बदलाव के कारण से अब वे महिला भी मां बन सकती हैं जो पहले इससे मरहूम रह जाया करती थी.

साधना अग्रवाल के मामले में उनके मातृत्व अवकाश के आवेदन को निरस्त कर दिया गया था क्योंकि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2010 के तहत सरोगेट पद्धति से मां बनने वाली महिला को मातृत्व अवकाश का कोई प्रावधान नहीं है. इस पर साधना अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से याचिका लगाई थी. याचिका में कहा गया कि मातृत्व अवकाश का उद्देश्य प्रसवकाल तथा उसके बाद नवजात की उचित देखभाल करना है.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मातृत्व अवकाश का न दिया जाना नवजात के जीवन के अधिकार का उल्लंघन माना तथा साधना अग्रवाल को मातृत्व अवकाश का हकदार माना है.

उल्लेखनीय है कि दिल्ली समेत कई राज्यों के हाईकोर्ट ने भी इसी तरह के फैसले दिये थे.

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