कृषिछत्तीसगढ़

प्रतिबंधित इंजेक्शन से बढ़ा रहे दूध

रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ के कई जिलों में दूध बिक्री व उत्पादन में जमकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. गाय, भैंस का दूध बढ़ाने के लिए ऑक्सीटोसिन नामक इंजेक्शन धड़ल्ले से लगाया जा रहा है. इससे दूध गाढ़ा तो होता है लेकिन यह मनुष्य के लिए भी हानिकारक है. प्रतिबंधित होने के बाद भी यह इंजेक्शन दवा दुकानों में खुले आम बेचा जा रहा है.

सूबे के अधिकांश जिलों में पशुपालक एवं डेयरी व्यवसायी इस इंजेक्शन का इस्तेमाल कर पशुओं पर अत्याचार कर रहे हैं. डेयरियों में या उनके आसपास इंजेक्शन की खाली शीशी स्पष्ट तौर पर नजर आती है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूध में वृद्धि करने के लिए व्यवसायी क्या-क्या कर रहे.

राजधानी रायपुर सहित आसपास के बड़े शहरों में अधिकांश डेयरियों में इसका उपयोग किया जा रहा. दूध में पानी तो मिला ही रहे साथ ही अधिक दूध के लिए पशुओं के साथ क्रूरता भी की जा रही है. दूध को गाढ़ा करने के लिए अरारोट सहित अन्य कई केमिकल मिलाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी से लोगों को दूध के नाम पर पानी या जहर पीना पड़ रहा. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि उनके पास शिकायत आए तो कार्रवाई की जाएगी.

राजधानी के पशु चिकिसालय के असिस्टेंट वेटनरी सर्जन पदम बाफना ने बताया कि दूध बढ़ाने के लिए लोग ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन गाय, भैंस में लगाते हैं. जबकि इस इंजेक्शन का उपयोग गाय के गर्भ में बच्चा फंस जाने पर ही किया जाता है. यह इंजेक्शन प्रतिबंधित भी है.

चिकित्सक की पर्ची के बिना इसे बेच नहीं सकते. इससे मनुष्य में हारमोनल असंतुलन हो सकता है. इंडोक्राइन सिस्टम में प्रभाव पड़ता है. डेयरी वाले मुनाफा कमाने के लिए इंजेक्शन लगाते हैं.

कानून के जानकार बताते हैं कि दुग्ध बढ़ाने के लिए पशुओं में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाना पशु क्रूरता अधिनियम के दायरे में आता है. यह इंजेक्शन भी प्रतिबंधित है, लेकिन शहर गांव में मेडिकल स्टोर में ये आसानी से मिल जाते हैं.

ऑक्सीटोसिन के उपयोग पर सजा का भी प्रावधान है. ऐसा करने वाले को एक हजार रुपये का आर्थिक अर्थदंड, दो वर्ष की सजा या दोनों एक साथ हो सकती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!