छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में मनरेगा का बंटाधार

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में मनरेगा के तहत 94% परिवारों को 100 दिनों का रोजगार नहीं मिला है. वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान छत्तीसगढ़ में केवल 5.21% परिवारों को ही 100 दिनों का रोजगार मुहैय्या कराया जा सका है. इसकी तुलना में छत्तीसगढ़ में साल 2015-16 में 11% परिवारों को 100 दिनों का रोजगार दिया गया था. अर्थात्, पिछले साल की तुलना में आधे लोगों को ही 100 दिनों का रोजगार दिया जा सका है. जाहिर है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार चाहने वालों को रोजगार की गारंटी देने वाला यह कानून छत्तीसगढ़ में दम तोड़ने के कगार पर पहुंच चुका है. भारतीय संसद ने साल 2005 में इस कानून को इसलिये बनाया था कि ग्रामीणों को उनके क्षेत्र में ही रोजगार मिल सके. दूसरी तरफ, गांव में ही रोजगार उपलब्ध करवाने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास होता है. वहां के बाशिंदों को पैसा मिलने से उनकी क्रय शक्ति बढ़ती है तो गांव के बाजारों को भी खरीददार मिलने लगते हैं.

कुलमिलाकर, इस कानून के पीछे एक गहरी सामाजिक-आर्थिक तथा राजनीतिक सोच है जो ग्रामीण भारत को भूखा नहीं देखना चाहती है, गांवों से पलायन रोकना चाहती है, ग्रामीणों को महाजन के कर्ज के जाल से बचाना चाहती है. यह माना गया था कि गांव में रोजगार चाहने वालों को साल में कम से कम 100 दिनों का रोजगार तो मुहैय्या करवा ही दिया जा सके. लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में 9 फरवरी 2017 तक वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान केवल 5.21% परिवारों को ही 100 दिनों का रोजगार दिया जा सका है.

जाहिर है कि यदि यही गति बरकरार रही तो न तो छत्तीसगढ़ से पलायन रुकेगा और न ही कुपोषण मिटेगा. विडंबना देखिये कि छत्तीसगढ़ में मनरेगा के तहत 35 लाख 22 हजार 2 सौ 48 परिवारों को जॉब कार्ड जारी किया गया है लेकिन उनमें से महज 1 लाख 01 हजार 2 सौ 78 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार मुहैय्या करवाया जा सका है.

छत्तीसगढ़ में मनरेगा-
* छत्तीसगढ़ में वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान 9 फरवरी 2017 तक मनरेगा के तहत 35 लाख 22 हजार 2 सौ 48 परिवारों को जॉब कार्ड जारी किया गया है.

* वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान 23 लाख 50 हजार 4 सौ 01 परिवारों ने रोजगार की मांग की.

* इनमें से 19 लाख 40 हजार 2 सौ 74 को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है.

# इस तरह से छत्तीसगढ़ में रोजगार मांगने वाले 82.55% परिवारों को ही रोजगार दिया जा सका है.

* इनमें से 1 लाख 01 हजार 2 सौ 78 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार मुहैय्या करवाया जा सका है.

# इस तरह से छत्तीसगढ़ में महज 5.21% परिवारों को 100 दिनों का रोजगार मुहैय्या कराया जा सका है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!