छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के नक्सगढ़ में संचार क्रांति

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के नक्सलगढ़ तथा आदिवासी क्षेत्रों में संचार क्रांति का रविवार को आगाज़ हुआ. छत्तीसगढ़ के नक्सली गढ़ों में 146 मोबाइल टावर एकमुश्त लगाये गये हैं. इनमें से 73 मोबाइल टावर बस्तर संभाग में और शेष 73 मोबाइल टावर सरगुजा संभाग में लगाये गये हैं. इसी के साथ आदिवासी बहुल बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की शत-प्रतिशत ग्राम पंचायतों को राष्ट्रीय फाईबर ऑप्टिकल नेटवर्क के जरिये इंटरनेट से भी जोड़ दिया गया है. जो आदिवासी क्षेत्र आतंक से भयभीत रहते थे तथा जहां के दुर्गम रास्ते वहां तक विकास की पहुंच में अड़ंगा लगाते थे उन क्षेत्रों को एक झटके में संचार क्रांति के माध्यम से देश-दुनिया से जोड़ दिया गया है.

नक्सलगढ़ में मोबाइल टावर
रविवार को केन्द्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दोपहर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ रायपुर में उनके निवास कार्यालय में विकास पर्व के तहत आयोजित सादगीपूर्ण कार्यक्रम में बस्तर संभाग के सुदूरवर्ती दोरनापाल, जिला – सुकमा और पामेड़, जिला-बीजापुर के थाना प्रभारियों से मोबाइल फोन पर सीधी बातचीत की और सभी 146 मोबाइल टावरों का लोकार्पण किया.

श्री प्रसाद ने 146 मोबाइल टावरों का लोकार्पण करते हुए सुदूरवर्ती दोरनापाल के थाना प्रभारी चन्द्रशेखर और पामेड़ के थाना प्रभारी अभय सिंह से मोबाइल फोन पर बातचीत की, उनका हालचाल पूछा और उन्हें तथा क्षेत्र के ग्रामीणों और सुरक्षा बलों के जवानों को बधाई दी. श्री प्रसाद ने कहा कि आज से उन्हें मोबाइल नेटवर्क की कोई दिक्कत नहीं होगी.

जिन क्षेत्रों के लिए मोबाइल टावर लोकार्पित हुये हैं, वहां अब ग्रामीणों, स्थानीय शासकीय कर्मचारियों, आम नागरिकों और सुरक्षा बलों के जवानों को मोबाइल फोन के लिए कनेक्टिविटी की समस्या नहीं रहेगी.

छत्तीसगढ़ के नक्सल क्षेत्रों में संचार नेटवर्क बढ़ाने के लिए बस्तर को 35 और नये मोबाइल टावर तत्काल मंजूर करने का ऐलान किया गया. इसके अलावा राज्य में इस वर्ष 1085 टावर मंजूर करने की भी घोषणा की गई. इनमें 865 टावर 3जी और 220 टावर 4-जी के होंगे. श्री प्रसाद ने कहा कि इन्हें मिलाकर छत्तीसगढ़ में अगले दो साल में 2000 नये मोबाइल टावर स्थापित किये जायेंगे.

बलरामपुर-रामानुजगंज आदर्श जिला बनें
बलरामपुर-रामानुंजगंज के 340 पुराने ग्राम पंचायतों को इंटरनेट सेवा से जोड़ दिया गया है. छत्तीसगढ़ का आदिवासी बहुल बलरामपुर-रामानुजगंज जिला भारत का पहला ऐेसा जिला है, जिसे आप्टिकल फाइबर नेटवर्क के जरिये इंटरनेट से जोड़ा गया है. खुद मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इन क्षेत्रों के सरपंचों से सीदी बात करके उन्हें इसके लिये बधाई दी.

केन्द्रीय संचार मंत्री ने कहा कि बलरामपुर-रामानुजगंज जिला भारत संचार नेट परियोजना के तहत देश का एक ऐसा आदर्श जिला बन गया है, जहां की सभी 340 पुरानी ग्राम पंचायतें इंटरनेट से जुड़ गई हैं. उन्होंने इस जिले को संचार क्रांति के क्षेत्र में न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि भारत का मॉडल जिला बताया.

इससे स्कूल-कॉलेजों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति तथा विभिन्न शासकीय योजनाओं के तहत हितग्राहियों की राशि सीधे उनके बैंक खाते में हस्तांतरित की जा सकेगी.

छत्तीसगढ़ में वाई-फाई सुविधा बढ़ेगी
छत्तीसगढ़ में वाई-फाई सुविधा वाले स्थानों की संख्या बहुत जल्द 27 से बढ़कर 220 हो जायेगी. प्रमुख पर्यटन स्थलों में भी वाई-फाई सुविधा दी जायेगी, ताकि वहां आने-जाने वाले सैलानी अपने घर परिवार के सतत सम्पर्क में रह सकें. इसके अलावा कलेक्टर से प्रस्ताव मिलने पर संबंधित गांवों में वाई-फाई की सुविधा भी दी जायेगी.

उल्लेखनीय है कि संचार क्रांति के युग में शिक्षा-चिकित्सा तथा सरकारी योजनायों तक दूरस्थ इलाके के लोगों की पहुंच आसान बन गई है. इसी के साथ कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ डिजिटल बनता जा रहा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!