कांकेरकोंडागांवदंतेवाड़ानारायणपुरबस्तरबीजापुरराजनांदगांवसुकमा

नक्सली मामलों के लिये दंतेवाड़ा में विशेष कोर्ट

बिलासपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली मामलों की सुनवाई के लिये विशेष अदालत खोला जायेगा. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के फुल कोर्ट मीटिंग में न्यायाधीशों ने इसे मंजूरी दे दी है. उम्मीद जताई जा रही है कि बरसों से नक्सली मामलों में जेलों में सड़ रहे आदिवासियों को इससे राहत मिलेगी.

गौरतलब है कि विधि विभाग ने पिछले साल 12 दिसबंर को नक्सल प्रभावित राजनांदगांव के इलाके, कांकेर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव के लिये विशेष न्यायालय या फास्टट्रैक कोर्ट खोलने संबंधी पत्र लिखा था. इस पर जिला एवं सत्र न्यायाधीशों ने भी अपनी सहमति जताई थी. इसके बाद हाईकोर्ट ने इन इलाकों में बड़ी संख्या में नक्सली मामलों से संबंधित मुकदमों के लंबित रहने को ध्यान में रखते हुये दंतेवाड़ा में विशेष न्यायालय को हरी झंडी दिखा दी है.

केंद्रीय जेल जगदलपुर, जिला जेल दंतेवाड़ा और जिला जेल कांकेर में नक्सली वारदात में शामिल 1067 माओवादियों में से 1018 लोग आदिवासी हैं. यानी नक्सल वारदात में इन तीनों जेल में बंद 95.40 फीसदी लोग आदिवासी हैं.

सरकारी आंकड़ों की मानें तो नक्सली मामलों में केन्द्रीय जेल जगदलपुर में बंद 546 मे से 512 लोग आदिवासी हैं. जिला जेल दंतेवाड़ा के 377 बंदियों में 372 आदिवासी हैं. इसी प्रकार जिला जेल कांकेर के 144 बंदियों में से 134 आदिवासी हैं. इनमें से कई आदिवासी पिछले कई सालों से केवल इसलिये बंद हैं क्योंकि उनके मामले की सुनवाई ही आज तक शुरु नहीं हो पाई है. जमानत लेने तक में अक्षम इन आदिवासियों को दंतेवाड़ा में विशेष अदालत खुल जाने से काफी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!