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छत्तीसगढ़: हाथी का pm कर फंसे दलित

रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ में दो दलितों को हाथी का पोस्टमार्टम करना भारी पड़ रहा है. समाज ने उन्हें ‘गणेश भगवान’ का पोस्टमार्टम करनी की सजा के तौर पर पांच हजार रुपये का जुर्माना ठोक दिया है. वन विभाग के कहने पर छत्तीसगढ़ के कोरिया में मृत हाथी का पोस्टमार्टम करने वाले दोनों दलितों को आशंका है कि कहीं जुर्माना न पटा पाने के लिये कहीं उनका सामाजिक बहिष्कार न कर दिया जाये.

छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के सोनहत इलाके में रहने वाले दलित भैय्यालाल गांव आनंदपुर तथा रामप्रसाद गांव नौगई के रहने वालों ने इस साल 25-26 मार्च की दरमियानी रात में करेंट से मरने वाले जंगली हाथी का बाद में पोस्टमार्टम किया था. दरअसल, वन विभाग ने हाथी की मौत के बाद नियमानुसार उनका पोस्टमार्टम करवाया था तथा इसके एवज़ में उन्हें पन्द्रह सौ रुपये दिये थे.

वन विभाग ने उस समय हाथी का पोस्टमार्टम करने के लिये इऩ दोनों दलितो को खोज निकाला था. इन दोनों ने गंडासे तथा चाकू की मदद से मृत हाथी का पोस्टमार्टम करने में मदद की थी. जाहिर है कि हाथी का पोस्टमार्टम करना अकेले पशु चिकित्सक के वश की बात नहीं थी.

हाथी के पोस्टमार्टम करने की खबर धीरे-धीरे आसपास के गांवों तक फैल गई. इसके बाद समाज की बैठक गांव कुशमहां में हुई तथा इन दोनों दलितों पर जुर्माना ठोक दिया गया. हाथी के शव को काटने के लिये इन पर जुर्माना लगाया गया है. वहीं कोरिया जिले के मुख्य वन संरक्षक प्रेमकुमार को इसके बारें में कोई जानकारी भी नहीं है.

फिलहाल, दोनों दलित समाज के पंचायत के फरमान से दहशत में हैं. उनके पास जुर्माना पटाने के लिये पांच हजार रुपये नहीं हैं. इऩ दोनों ने तय किया है कि भविष्य में कभी हाथी का पोस्टमार्टम नहीं करेंगे.

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