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प्रभाकर ग्वाल की पत्नी ने गुहार लगाई

बिलासपुर | संवाददाता: सुकमा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के पद से बर्खास्त प्रभाकर ग्वाल की पत्नी ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक गुहार से शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई है. प्रभाकर ग्वाल की पत्नी प्रतिभा ग्वाल ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुक्य न्यायाधीश को दिये आवेदन देकर कहा है कि राजनीतिक इशारे पर उनके पति को बर्खास्त किया गया है. उन्होंने अपने आवेदन में कहा है कि उनके पति इससे मानसिक रूप से परेशान है तथा परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है.

प्रतिभा ग्वाल ने कहा है कि यदि एक माह के अंदर कार्यवाही नहीं की तो वे अपने बच्चों समेत धरने पर बैठ जायेगी. इस आवेदन की प्रतिलिपी प्रतिभा ग्वाल ने राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश तथा बार एसोसियेशन को भी भेजी है.

उल्लेखनीय है कि 1 अप्रैल, 2016 को छत्तीसगढ़ के बस्तर के सुकमा जिले में पदस्थ सीजेएम प्रभाकर ग्वाल को संविधान की धारा 311-2 (बी) का उल्लेख करते हुये तुरंत बर्खास्त कर दिया गया था. बर्खास्तगी के पहले संविधान की धारा का हवाला देते हुये कोई जांच नहीं करवाई गई थी.

इसके बाद जुलाई 2016 में प्रभाकर ग्वाल ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. ग्वाल की याचिका पर सुनवाई करते हुये उच्च न्यायालय के न्यायधीश गौतम भादुड़ी ने राज्य शासन तथा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया था.

बता दें कि प्रभाकर ग्वाल ने सुकमा में पदस्थ रहते आम ग्रामीणों की बिना वारंट के गिरफ्तारी पर पूछताछ शुरु कर दी थी. जिसके बाद दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक ने जिला जज को पत्र लिखकर कहा था कि हमारें काम में बाधा डाली जा रही है.

गौरतलब है कि रायपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रहते हुये उन्होंने रायपुर के पुलिस अधीक्षक तथा राजधानी के सिविल लाईन्स थाने में की गई लिखित शिकायत में कहा था कि 7 अगस्त, 2015 को उनके कमरे में एक व्यक्ति जबरिया घुस आया तथा अपने आप को सराईपाली से विधायक रामलाल चौहान बताते हुये उन्हें तथा उनके परिवार को धमकी दी थी.

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