छत्तीसगढ़रायपुर

रिजनल फोरम फार क्लाईमेट जस्टिस का गठन

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कृषि मौसम विज्ञानी डॉ. एएसआरएएस शास्त्री का कहना है कि सूखे की परिभाषा छत्तीसगढ़ और शेष भारत के लिए अलग है. उन्होंने कहा कि धान के खेतों में पानी यदि नहीं भरा है और नमी उपलब्ध है तो उसे सूखा माना जाना चाहिए, जबकि कृषि विशेषज्ञ ऐसा नहीं मानते हैं.

वे शुक्रवार को नये सर्किट हाउस के सभागार में छत्तीसगढ़ कृषक बिरादरी द्वारा आयोजित बैठक में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. छत्तीसगढ़ कृषक बिरादरी द्वारा छत्तीसगढ़ में आसन्न सूखे और जलवायु परिवर्तन को लेकर आयोजित बैठक में नागरिक संगठन रिजनल फोरम फार क्लाईमेट जस्टिस का भी गठन किया गया.

बैठक में बोलते हुये किसान नेता आनंद मिश्रा ने कहा कि मानसून एवं जलीय परिस्थितियों में असंतुलन के अध्यनयन एवं उस पर जमीन से जुड़े कार्यक्रमों की आवश्यकता है.

कृषक बिरादरी के संयोजक प्रदीप शर्मा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की नीतियों को वैश्विक जलवायु न्याय एवं वैश्विक राजनीति के प्रकाश में हमें स्थानीय स्तर पर कार्यक्रम निर्मित करने की आवश्यकता है. आक्सफेम इंडिया ट़्रस्ट के श्री विजेन्द्र अजनबी ने कहा कि हमें सरकारी योजनाओं एवं जन आकांक्षाओं के बीच की दूरियों को ध्या‍न में रखना चाहिए और एक नई मेकेनिज़्म बनाना चाहिए, जिसमें कि राजकीय कार्यक्रमों को जनोन्मुखी बनाया जाये.

बैठक में ललित सिंघानिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ में छोटे किसानों की खेती से जुडी चीजों को हमें जलवायु परिवर्तन के कारकों से जोड़कर देखना होगा.
राज्य के पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने कहा कि एक क्षेत्रीय फोरम का निर्माण होना चाहिए, जिसके तहत मध्य भारत में हो रहे जलवायु परिवर्तनों के दुष्प्रभावों का समाकलन हो सके एवं सरकारों के कार्यक्रमों में प्रभावी हस्तरक्षेप किया जा सके.

नदी घाटी मोर्चा के गौतम बंदोपाध्याय ने कहा कि हमें नदियों एवं उनकी जन संस्क़कतियों के साथ जलवायु न्याय को आधार बनाते हुए नए सिरे से स्थानीय जलवायु नीति बनाना चाहिए एवं सरकारों से संवाद स्थापित कर उसे लागु करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए. जैकब निथीनिलियम ने छत्तीसगढ़ में बायोडायवर्सिटी बोर्ड को कार्यान्वित करने का प्रस्ताव दिया.

बैठक में ग्राम उत्कर्ष संस्था के तारिणी आचार्य, आप पार्टी के नेता उमाशंकर ओझा, रामगुलाम सिन्हा ,दिल्ली से आये शरविन्द्रर गंजु , छत्तीसगढ़ योजना आयोग के चिन्मय राव, आक्सफेम इंडिया के आनंद शुक्ला, भी शामिल हुए.

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