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छत्तीसगढ़: गाड़ियों की रफ्तार पर लगाम

बिलासपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में गाड़ियों की तेज रफ्तार पर 1 नवंबर से लगाम लग जायेगी. परिवहन विभाग 1 नवंबर से बसों, ट्रकों, डम्फर जैसे गाड़ियों में स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य कर रही है. जिससे इन गाड़ियों की रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की नहीं हो सकेगी.

इन गाड़ियों को तभी प्रमाण पत्र दिया जायेगा जब इनमें स्पीड गवर्नर लगा होगा. इसके लिये व्यवसायिक गाड़ी चलाने वालों को परिवहन विभाग सूचना देने जा रहा है. वैसे पहले से ही इसकी चर्चा थी कि छत्तीसगढ़ में चार चक्कों की गाड़ियों में स्पीड गवर्नर लगाया जाना अनिवार्य किया जाने वाला है.

इससे उन चार चक्का गाड़ियों को छूट मिलेगी जिसकी क्षमता चालक सहित 8 से ज्यादा यात्री बैठाने की न हो या फिर उसका वजन 3500 किलो से ज्यादा न हो.

उल्लेखनीय है कि स्पीड गवर्नर के द्वारा बसों, ट्रकों तथा अन्य गाड़ियों के स्पीड पर नियंत्रण किया जा सकता है. यह उपकरण महज तीन हजार से लेकर आठ हजार रुपयों में आ जाता है. आजकल यह स्पीड गवर्नर ऑनलाइन भी बिक रहा है. इसे लगाने से ड्राइवर तेज गति में गाड़ी नहीं चला सकता है जिससे सड़क दुर्घटनाओँ में कमी लाई जा सकती है.

इसके तहत साधारण बसें 35 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जा सकती है. इसी तरह साधारण एक्सप्रेस बसें 40 किमी, डीलक्स 45 किमी, डीलक्स एक्सप्रेस 50 किमी और रात्रिकालीन चलने वाली बसें 55 किमी प्रति घंटे की ही रफ्तार से चला करेंगी.

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रपट ‘भारत में सड़क दुर्घटना-2013′ के मुताबिक, भारत में रोजाना औसतन 377 लोगों की मौत सड़क हादसे में होती है. यह दुनिया में सर्वाधिक है. अधिकतर हादसे असुरक्षित रूप से या लापरवाही से वाहन चलाने के कारण होते हैं.

ऐसा आम तौर पर बुनियादी सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करने के कारण होता है. आंकड़ों के मुताबिक, देश में 41 फीसदी या 56,529 मौतें सीमा से अधिक तेज गति से वाहन चलाने से होती है. इसके अलावा 78 फीसदी दुर्घटनाओं में गलती चालक की होती है.

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