सरगुजा

छत्तीसगढ़: मैनपाट में उमड़े सैलानी

अंबिकापुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के मैनपाट में साल के पहले दिन 5 हजार से ज्यादा लोग उमड़ पड़े. अंबिकापुर से मैनपाट जाने में तकरीबन डेढ़ घंटे का समय लगता है परन्तु वाहनों की इतनी भीड़ रही कि लोग तीन घंटे में वहां तक पहुंच पाये. गौरतलब है कि मैनपाट में कड़ाके की ठंड पड़ती है तथा इसे ‘छत्तीसगढ़ का शिमला’ कहा जाता है. इसी मैनपाट में तिब्बतियों को बसाया गया है.

मैनपाट पूर्व में अंबिकापुर के राजाओं की विश्राम स्थली रही है. ‘सरभंजा जल प्रपात’, ‘टाईगर प्वांइट’ और ‘मछली प्वांइट’ यहाँ के श्रेष्ठ पर्यटन स्थल हैं. यहां एक प्रसिद्ध बौद्ध मन्दिर भी यहाँ है, जो तिब्बतियों की आस्था का प्रमुख केन्द्र है. शायद यही कारण है कि यह ‘छत्तीसगढ़ का तिब्बत’ भी कहा जाता है. यहा के तिब्बती कुत्ते भी पर्यटकों के आकर्षण के केन्द्र है. कई लोग मैनपाट में इन्ही कुत्तों को लेने जाते हैं.

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