राष्ट्र

BJP UP उपाध्यक्ष पद से हटाये गये

लखनऊ | समाचार डेस्क: यूपी भाजपा के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को उनके पद से हटा दिया गया है. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और राज्यसभा सांसद मायावती पर विवादास्पद बयान देना भारी पड़ा. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया है.

भाजपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्या ने कहा कि हालांकि दयाशंकर सिंह ने मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के लिए माफी मांग ली है लेकिन उनका बयान सही नहीं है. उन्हें पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाता है.

उधर, संसद भवन के बाहर मायावती ने इसे हताशा करार देते हुए दयाशंकर सिंह को पार्टी से बाहर निकालने की मांग की. मायावती ने राज्यसभा में भी इस मसले पर अपना पक्ष रखा है.

दयाशंकर सिंह ने मऊ में एक प्रेसवार्ता में कहा, “मायावती, कांशीराम का नाम बदनाम कर रहीं हैं, विधानसभा के टिकट को लेकर हर रोज नए रेट तय हो रहे हैं. किसी से एक करोड़ रुपए में तय होने के बाद अगर कोई दूसरा 2 करोड़ रुपए देने के लिए तैयार हो जाता है तो फिर एक करोड़ वाले को धोखा दे दिया जाता है. इस तरह तो एक वेश्या भी अपनी जुबान से नहीं पलटती है. उन्होंने कहा कि मायावती की बात की कीमत एक वेश्या की बात की कीमत से भी बदतर है.”

मायावती ने राज्यसभा में कहा, “भाजपा नेता ने यह बयान मायावती के लिए नहीं, बल्कि अपनी बेटी-बहन के लिए कहे हैं. पूरा देश भाजपा को माफ नहीं करेगा. माफी मांगने से कुछ नहीं होगा. भाजपा नेतृत्व उन्हें पार्टी से निकाले. भाजपा नेता संज्ञान लें और कार्रवाई करें वर्ना लोग सड़कों पर उतरे तो मेरी जिम्मेदारी नहीं होगी. ”

इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में दयाशंकर सिंह के बयान की निंदा की और कहा, “मैं स्वयं इस बयान से आहत हुआ हूं.”

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “यह गलत है, मैं इसके लिए माफी मांगता हूं. ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.”

मौर्य ने अपने प्रेस बयान में दयाशंकर सिंह के बयान पर खेद व्यक्त किया है. उन्होंने प्रदेश के सभी पार्टी पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं के लिए कड़ें निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने सभी से विरोधी दलों या नेताओं की कार्यशैली को लेकर अपने वक्तव्य व भाषण में संयत, संतुलित तथा मर्यादित भाषा का ही प्रयोग किए जाने की कड़ी हिदायत दी है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!