छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के चावल में 13 रुपये केन्द्र का- कांग्रेस

रायपुर । संवाददाता: छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि रमन सरकार केन्द्र के पैसो से वाहवाही लूट रही है. छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के सस्ते चांवल देने की योजना की सच्चाई जनता के सामने आना तय है भाजपा सरकार के द्वारा 2 रू. किलो में दिये जा रहे चांवल में लगभग 16 रू. का खर्च आता है इसमें से लगभग 13 रू. का अनुदान केन्द्र सरकार वहन करती है 2 रू. खर्च हितग्राही स्वयं वहन करता हैराज्य सरकार सिर्फ 1 रू. खर्च का वहन कर पूरी वाहवाही खुद लूट रही थी.

मुख्यमंत्री रमनसिंह के द्वारा केन्द्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में छत्तीसगढ़ के खाद्य सुरक्षा अधिनियम को रोल माडल के रूप में प्रस्तुत किये जाने की मांग अतार्किक और असंगत है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार का खाद्य सुरक्षा अधिनियम केन्द्र के अधिनियम की नकल मात्र है. केन्द्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का प्रारूप सन् 2011 में बन कर तैयार हो गया था तथा लोकसभा के पटल पर भी इसका मसौदा रखा जा चुका था, विपक्षी दल भाजपा के विरोध के चलते इस अधिनियम पर लोकसभा में चर्चा नहीं हो पायी थी.

छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के द्वारा लागू किया जाने वाले अधिनियम से पहले झूठे श्रेय लेने की होड़ में योजना आयोग की बैठक से बिल की प्रति प्राप्त कर आनन फानन में केन्द्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रारूप की भोंडी नकल से तैयार कर आधा अधूरा बिल विधानसभा के बजट सत्र में पारित करवाया गया है. रमनसिंह को मालूम था कि भाजपा के द्वारा जानबूझकर पैदा किये जा रहे अवरोध के बाद भी यूपीए सरकार खाद्य सुरक्षा अधिनियम पूरे देश में लागू करके रहेगी.

सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि केन्द्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लागू हो जाने के बाद भाजपा सरकार और नकली चांवल वाले बाबा की पोल खुलना तय है इसीलिये रमनसिंह घूम-घूम कर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के खिलाफ बातें कर रहे है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) के माध्यम से पूरे देश में गरीब वर्ग को सस्ते दर पर राशन सामाग्री राज्य सरकार के माध्यमों से दी जाती है यह प्रक्रिया तीन दशक से भी अधिक समय से पूरे देश में चल रही है.

रमन सरकार ने पी.डी.एस. की कोई नई प्रणाली का इजाद नहीं किया है. जो देश के लिये आदर्श के रूप में प्रस्तुत की जा सके. भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ में कोर पी.डी.एस. लागू करने का हल्ला किया था समाचार माध्यमों में कोर पी.डी.एस. का बखान करते खूब विज्ञापन छपवायें गये लेकिन रमन सरकार का कोर पी.डी.एस. बुरी तरह से फ्लाप हो गया.

सस्ते चांवल की योजना भी भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार और नकली राशन कार्ड के कारण गरीबों तक सही ढंग से नहीं पहुंच पायी. भाजपा के नेता सरकारी संरक्षण के कारण गरीबों के हक का राशन डकार रहे है. इन सारे अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के बीच मुख्यमंत्री रमनसिंह अपनी पीठ खुद थपथपाने में लगी है. इससे बड़ी हास्यास्पद बात और क्या हो सकती है कि जिस प्रदेश में 35 लाख टन से अधिक धान बारिश में खुले में पड़े रहने के कारण सड़ रहा हो वहां के मुख्यमंत्री केन्द्र सरकार को पूरे देश में गोदामों और कृषि उत्पादन के भंडारण के लिये प्रणाली विकसित करने की सलाह दे रहे है.

मुख्यमंत्री रमनसिंह यह बात भली भांति जानते है कि उनकी सरकार के द्वारा लागू किया गया खाद्य सुरक्षा बिल केन्द्रीय सहायता की बैसाखी पर टिका हुआ है बिना केन्द्रीय सहायता के इस कानून का हश्र भी रमन सरकार की अन्य योजनाओं के समान कागजी साबित होने वाला है इसी तिलमिलाहट में वे केन्द्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का विरोध कर रहे है.

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