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देश के लिए काम करता रहूंगा: तेंदुलकर

नई दिल्ली | एजेंसी: देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से अलंकृत हुए महानतम क्रिकेटरों में से एक सचिन तेंदुलकर ने कहा कि भले ही उन्होंने सक्रिय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, लेकिन वह भारत के लिए लगातार काम करते रहेंगे तथा देश को मुस्कुराने के मौके प्रदान करते रहेंगे.

मंगलवार को देश के दिग्गज क्रिकेटर सचिन पत्नी अंजली और बेटी सारा के साथ राष्ट्रपति भवन पहुंचे, जहां राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से अलंकृत किया. सचिन के साथ प्रख्यात वैज्ञानिक सी.एन.आर. राव को भी भारत रत्न से अलंकृत किया गया.

सचिन ने इस अवसर पर कहा, “मैं पिछले वर्षो में देश से मिले प्यार और लगाव से बहुत खुश हूं. इस देश में जन्म लेकर मैं खुद को धन्य समझता हूं. मुझे पता है कि मेरा क्रिकेट करियर समाप्त हो चुका है, लेकिन मैं देश के लिए काम करता रहूंगा तथा देश को मुस्कुराने के मौके प्रदान करता रहूंगा.”

सचिन ने भारत रत्न को अपनी मां के साथ-साथ देश की सभी मांओं को समर्पित किया.

तेंदुलकर ने आगे कहा, “मेरे लिए यह सबसे बड़ा सम्मान है, तथा यह सम्मान पाकर मैं अत्यंत प्रसन्न हूं. मैं फिर से कहना चाहूंगा कि मैं यह सम्मान अपनी मां के साथ-साथ देश की सभी मांओं को समर्पित करता हूं, जो अपनी महत्वाकांक्षाओं को इसलिए बलिदान कर देती हैं ताकि उनके बच्चों का सपना पूरा हो सके.”

लगभग सभी कीर्तिमान अपने नाम कर चुके तेंदुलकर विश्व के महानतम क्रिकेटरों में गिने जाते रहे हैं. तेंदुलकर ने 200 टेस्ट मैच में 15,921 रन बनाए हैं, जिसमें 51 शतक शामिल हैं. टेस्ट क्रिकेट में तेंदुलकर के नाम सर्वाधिक मैच, सर्वाधिक रन और सर्वाधिक शतक बनाने का कीर्तिमान है.

तेंदुलकर ने दिसंबर, 2012 में एकदिवसीय करियर को अलविदा कह दिया था. उन्होंने 463 एकदिवसीय मैचों में 18,426 रन बनाए हैं, जिसमें 49 शतक शामिल हैं. एकदिवसीय मैचों में दोहरा शतक बनाने वाले वह पहले क्रिकेटर रहे हैं.

बीते वर्ष नवंबर महीने में वेस्टइंडीज के खिलाफ करियर का 200वां टेस्ट खेलने के साथ ही तेंदुलकर ने क्रिकेट के सभी स्वरूपों को अलविदा कह दिया.

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