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नाइट शिफ्ट के बाद ड्राइविंग रिस्की

नाइट शिफ्ट में काम करना न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि ऐसे लोगों को दुर्घटना से शिकार होने की संभावना भी ज्यादा रहती है. एक नए शोध में यह बात सामने आई है. अमरीकी वैज्ञानिकों ने शोध के दौरान रात्रि पाली में काम करने वाले 16 लोगों को दो घंटे तक ड्राइविंग करने के लिए कहा.

इस परीक्षण के पहले सत्र में प्रतिभागियों ने एक रात पहले 7 घंटे की पर्याप्त नींद ली थी.

वहीं दूसरे सत्र में इन्हीं प्रतिभागियों को रात्रि की पाली में काम करने के बाद ड्राइव करने के लिए कहा गया.

निष्कर्ष से सामने आया कि 16 प्रतिभागियों में 6 लोगों को रात्रि पाली के बाद ड्राइविंग करते हुए एक से अधिक बार दुर्घटनाओं के खतरे का सामना करना पड़ा. इनमें से 7 प्रतिभागियों को सुरक्षा कारणों से ड्राइविंग के दौरान वाहन रोकना पड़ा.

इसके अलावा जब प्रतिभागियों ने रात को पर्याप्त नींद लेने के बाद ड्राइविंग की तो उन्हें इस दौरान ऐसे किसी भी खतरे का अनुभव नहीं हुआ.

अमरीका की शोध पत्रिका प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के अनुसार, ” इस शोध में अपर्याप्त नींद से जुड़े नुकसान ड्राइविंग के 15 मिनट में ही सामने आ गए थे.”

इस अध्ययन के मुख्य लेखक मिशेल ली ने बताया, “रात्रि पाली का अनुभव रखने वाले लोग भी ड्राइविंग के वक्त दुर्घटनाओं के खतरों से घिरे होते हैं.”

इस अध्ययन ने उस सवाल का जवाब दिया है कि रात्रि पाली में काम करने वाले लोग सड़कों पर अक्सर दुर्घटना का शिकार क्यूं होते हैं. शोध के बाद वैज्ञानिकों की सलाह है कि रात्रि पाली वाले लोगों को खुद ड्राइविंग करने के बजाए परिवहन के दूसरे विकल्प लेने चाहिए.

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