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दिल्ली में सम-विषम सड़क पर

नई दिल्ली | डेस्क: दिल्ली में सम-विषम गाड़ियों की योजना सड़कों पर आ गई है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई सम-विषम नंबर योजना शुक्रवार से लागू हो गई, जिसके बाद सड़कों से सम संख्याओं के वाहन नदारद रहे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सम-विषम नंबर प्लेट के आधार पर सड़कों पर कारों के उतरने से कम ट्रैफिक होने पर खुशी जताते हुए योजना के सफल होने की उम्मीद जताई है. यह योजना एक जनवरी से 15 जनवरी, 2016 तक प्रभावी रहेगी. इसके बाद ही इस योजना को बढ़ाने या नहीं बढ़ाने पर फैसला लिया जाएगा.

केजरीवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, “अभी तक हमें जो प्रतिक्रिया मिली है, मैं उससे खुश हूं. सड़कों पर बहुत ही कम सम नंबर की गाड़ियां चल रही हैं. यह योजना सफल होती दिख रही है.”

उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों ने इस योजना का खुले दिल से स्वागत किया है. केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, “दिल्ली ने कर दिखाया! अभी तक मिल रही रिपोर्ट प्रोत्साहित करने वाली हैं. दिल्लीवासियों! आपने मुझे उम्मीद दी है कि आप बड़ी चुनौतियां हासिल करने में सक्षम हैं.”

उन्होंने कहा, “मैं भी कार पूलिंग कर रहा हूं और अपनी सरकार के दो मंत्रियों, निजी सचिव और संयुक्त सचिव के साथ कार्यालय जा रहा हूं.”

दिल्ली सरकार ने निजी वाहनों के लिए सम-विषम योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करना है. दिल्ली पुलिस ने इस बात से सहमति जताई कि दिल्ली ने सम-विषम नीति का पालन किया है.

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त यातायात शरद अग्रवाल ने कहा, “योजना का बहुत कम उल्लंघन हुआ है. यही नहीं, जिन्होंने उल्लंघन किया, उन्होंने कुछ जरूरी कारणों से ऐसा किया. या फिर उनमें वे शामिल थे, जिन्हें इस योजना से छूट मिली है.”

सरकार ने कहा था कि उल्लंघनकर्ताओं पर दो हजार रुपये की जुर्माना किया जाएगा, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जुर्माना करना उनका मूल उद्देश्य नहीं है.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “आज हम लोगों को सम-विषम योजना के बारे में जागरूक करने का काम कर रहे हैं. हम चालकों से कह रहे हैं कि यह उनके और सबके अच्छे के लिए है.”

इस योजना में कई वाहनों को छूट मिली है, जिसमें दो पहिया वाहन, महिला कार चालक, आपातकालीन वाहन तथा कई वीआईपी वाहन शामिल हैं. दिल्ली में कुल 90 लाख वाहन पंजीकृत हैं, जिनमें कारों की संख्या इसका एक तिहाई है.

पूर्वी दिल्ली के निवासी अमरीश मिश्रा ने कहा कि सफदरजंग हवाईअड्डा से दक्षिणी दिल्ली जाने के दौरान उन्हें सम संख्या वाले केवल दो वाहन नजर आए.

दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा, “शहर में प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में यह ऐतिहासिक कदम है. लोग सम-विषम परिवहन योजना का पालन कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि शुक्रवार को उन्होंने अपना वाहन नहीं निकाला, क्योंकि उसका नंबर सम है.

राय ने दिल्ली परिवहन निगम की जांच के लिए बाद में बस का सहारा लिया. दिल्ली मेट्रो ने कहा कि उसने सुबह में 70 अतिरिक्त फेरे लगाए, लेकिन जैसी संभावना थी, वैसा नहीं हुआ और मेट्रो में कम भीड़ देखी गई.

मुख्यमंत्री व राज्यपाल को हालांकि इस नियम से अलग रखा गया है, लेकिन केजरीवाल ने कहा कि वे फिर भी नियम का पालन करेंगे.

दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने सचिवालय पहुंचने के लिए मोटरसाइकिल का सहारा लिया. उन्होंने कहा कि वह 15 जनवरी तक ऐसा करना जारी रखेंगे, यदि उन्हें कार पुल नहीं मिल जाता.

पर्यावरणविदों ने सम-विषम परिवहन योजना का स्वागत किया, जिसने सड़कों में वाहनों की संख्या में कमी की संभावना जताई थी, लेकिन वे इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि प्रदूषण को नियंत्रित करने में यह कितना प्रभावी साबित होगा. दूतावासों को भी इस योजना से छूट मिली है, हालांकि अमेरिका व फ्रांस के दूतावासों ने कहा कि वे सम-विषम परिवहन योजना का पालन करेंगे.

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