खेल

विश्व कप किसका होगा ?

नई दिल्ली | एजेंसी: फीफा विश्व कप पर यूरोप या दक्षिण अमरीका का कब्जा होगा ? इस बात का फैसला रविवार को हो जायेगा. लियोनेल मेसी की कप्तानी में अर्जेटीना जहां किसी तरह फाइनल में प्रवेश कर सकी है, वहीं जर्मनी अपने पिछले मैच के बाद बेहद आक्रामक और खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही है.

ऐसे में देखना होगा कि क्या मेसी के नेतृत्व में अर्जेटीना दक्षिण अमरीकी धरती पर यूरोप को कदम रखने से रोक पाएगा, या जर्मनी इस बार दक्षिण अमरीका में यूरोपीय पोत का लंगर डालने में सफल हो पाएगा?

1930 से शुरू फुटबाल के इस महाकुंभ में अब तक दुनिया के दो महाद्वीपों की ही तूती बोलती आई है. ये दो महाद्वीप हैं यूरोप और दक्षिण अमरीका.

सबसे रोचक बात यह है कि अब तक दक्षिण अमरीका की धरती पर कोई भी यूरोपीय देश विश्व विजेता नहीं बन सका है. जबकि स्वीडन की मेजबानी में 1958 के विश्व कप में खिताब हासिल कर ब्राजील यूरोप की धरती पर दक्षिण अमरीका का झंडा गाड़ चुका है.

पूरे 36 वर्षो के बाद इस बार फीफा विश्व कप की मेजबानी किसी दक्षिण अमरीकी देश को मिली है. ब्राजील की मेजबानी में चल रहे मौजूदा विश्व कप-2014 के आखिरी दो खिताबी दावेदारों का फैसला भी हो चुका है.

जर्मनी और अर्जेटीना अब रविवार को रियो डी जनेरियो के मरकाना स्टेडियम में होने वाले फाइनल मुकाबले में एकदूसरे की श्रेष्ठता को चुनौती देंगे. फीफा विश्व कप-2014 का यह खिताबी मुकाबला वास्तव में सिर्फ दो देशों के ही नहीं बल्कि दो महाद्वीपों के बीच श्रेष्ठता की जंग है.

फुटबाल के महारथी इन दोनों महाद्वीपों को उनकी पृथक खेल स्टाइल के लिए भी जाना जाता है.

यूरोपीय फुटबाल जहां छोटे-छोटे पास के साथ तेज-तर्रार फुटबाल के लिए पहचाना जाता है, वहीं दक्षिण अमरीकी फुटबाल ताकतवर खेल और ड्रिब्लिंग की बेहतरीन कुशलता के लिए दुनिया में पहचाना गया.

1930 में पहले फीफा विश्व कप के आयोजन से ही दक्षिण अमरीकी और यूरोपीय देशों के बीच श्रेष्ठता साबित करने के लिए कड़ी टक्कर देखी गई. तब से अब तक 19 बार विश्व कप का आयोजन हो चुका है, जिसमें नौ बार दक्षिण अमरीकी देश अपना वर्चस्व कायम रखने में सफल रहे तो 10 बार यूरोपीय देशों ने बाजी मारी.

सबसे चकित करने वाली बात यह है कि अब तक किसी दक्षिण अमरीकी देश की मेजबानी में कोई यूरोपीय देश चैम्पियन नहीं बन सका है. अब तक चार बार दक्षिण अमरीकी देशों ने फीफा विश्व कप की मेजबानी की है, और इस बार ब्राजील में चल रहा विश्व कप दक्षिण अमरीका में होने वाला पांचवा विश्व कप है.

फीफा विश्व कप का उद्घाटन ही दक्षिण अमरीकी देश उरुग्वे की मेजबानी में हुआ. 1930 में हुए इस पहले विश्व कप में मेजबान उरुग्वे अर्जेटीना को मात देकर विश्व विजेता बना.

दक्षिण अमरीकी धरती पर अगला विश्व कप 20 वर्षो के बाद 1950 में ब्राजील की मेजबानी में हुआ, जिसमें उरुग्वे एक बार फिर मेजबान ब्राजील को हराकर चैम्पियन बना.

चिली ने 1962 में विश्व कप की मेजबानी की. इस बार भी एक दक्षिण अमरीकी देश एवं गत चैम्पियन ब्राजील ने ही बाजी मारी. 1934 के बाद पहली बार फाइनल में पहुंचे चेकोस्लोवाकिया को हराकर ब्राजील लगातार दूसरे वर्ष विश्व विजेता रहा.

किसी दक्षिण अमरीकी देश की मेजबानी में आखिरी बार फीफा विश्व कप का आयोजन 1978 में अर्जेटीना में हुआ था. घरेलू दर्शकों के सामने अर्जेटीना पहली बार चैम्पियन बना. अर्जेटीना ने तब फाइनल मुकाबले में नीदरलैंड्स को मात दी थी.

अब एक बार फिर दक्षिण अमरीकी धरती पर दोनों महीद्वीपों के प्रतिनिधि फाइनल मुकाबले में आमने-सामने हैं. विश्व कप के फाइनल में दोनों देशों के बीच यह तीसरी भिड़ंत है. इससे पहले हुए दो मुकाबलों में दोनों टीमों की सफलता का तराजू बराबरी पर रहा है.

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