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बंगाल में हुआ जबरन ‘घर वापसी’: तृणमूल

कोलकाता | एजेंसी: पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि खुरमादाना गांव में जबरन ‘घर वापसी’ का कार्यक्रम विहिप द्वारा आयोजित किया गया था. तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस कथित जबरन ‘घर वापसी’ के कार्यक्रम में 100 से अधिक इसाईयों को हिन्दू बनाया गया है. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने मंत्री ने इस आरोप के सही पाये जाने पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी है. उल्लेखनीय है कि विश्व हिन्दू परिषद तथा अन्य हिन्दू संगठनों पर जबरन ‘घर वापसी’ कार्यक्रम आयोजित किये जाने का आरोप देश के कई हिस्सों में लगाया जा रहा है. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले वहां भाजपा का प्रभाव भी बढ़ रहा है. पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को दावा किया कि बीरभूम जिले के रामपुरहाट में विश्व हिंदू परिषद द्वारा 100 से अधिक इसाइयों का धर्मातरण कराया गया है. राज्य में मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के विधायक आशीष बनर्जी ने दावा किया कि बुधवार को विहिप ने खुरमादाना गांव में धर्मातरण समारोह का आयोजन किया था. इस समारोह में 100 से ज्यादा ईसाइयों का धर्मातरण कराया गया.

शिक्षा राज्य मंत्री बनर्जी ने कहा, “खुरमादाना गांव में धर्मातरण समारोह का आयोजन किया गया था. हमने जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है और हमारे वरिष्ठ नेता इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने पर चर्चा कर रहे हैं.”

राज्यसभा में तृणमूल के मुख्य सचेतक डेरेक ओ ब्रायन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार ब्योरे की जांच करने में जुटी है और ‘जबरन धर्मातरण का कोई संकेत भी मिलता है तो हम जितना संभव होगा उतनी कठोरता से निपटेंगे.’

ओ ब्रायन ने ट्वीट किया है, “बंगाल का सांप्रदायिक सौहार्द के साथ रहने का लंबा इतिहास रहा है और तोगड़िया जैसे धर्माध से कठोरता से निपटा जाएगा. हमें यह कहना है कि यदि जबरन धर्मातरण का कोई संकेत भी मिलता है तो मुद्दे को यथासंभव कठोरता से निपटा जाएगा.”

आरोप से इनकार करते हुए विहिप के संगठन सचिव सचिंद्रनाथ सिन्हा ने कहा कि यह एक धार्मिक समारोह था न कि ‘घर वापसी’ था. घर वापसी शब्द ही धर्मातरण समारोह के लिए अब इस्तेमाल किया जाता है.

सिन्हा ने कहा, “धर्मातरण कराने का आरोप झूठा है. यह ‘घर वापसी’ नहीं बल्कि धार्मिक समारोह था जिसमें कुछ ईसाई परिवारों सहित अधिकांश गांव वासियों ने भाग लिया. हमने सदैव से हिंदू धर्म में लौटने की इच्छा रखने वालों का स्वागत किया है.”

समारोह में भाग लेने वाले कई लोगों ने हालांकि दावा किया कि उन्होंने स्वैच्छिक रूप से हिंदू धर्म अपनाया.

एक महिला ने समाचार चैनल से कहा, “वहां कोई दबाव नहीं था. मैं ईसाई थी और अब अपनी इच्छा से हिंदू धर्म को स्वीकार किया है.”

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