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फ्रांस: 1 हमलावर का आत्मसमर्पण

पेरिस | एजेंसी: फचार्ली हेब्दो पत्रिका के कार्यालय पर हमला करने वाले संदिग्धों में से हमयद मुराद ने आत्मसमर्पण किया. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पुलिस ने बताया कि 18 वर्षीय मुराद ने संभवत: दो अन्य को भगा दिया होगा. उसने सोशल मीडिया पर अपना नाम देखने के बाद स्थानीय समयानुसार रात के 11 बजे आत्मसमर्पण कर दिया.

अन्य सूत्र ने भी उसकी गिरफ्तारी और हिरासत में भेजे जाने की पुष्टि की है.

हुड वाले कपड़े पहने कुछ बंदूकधारी बुधवार को पत्रिका के कार्यालय में जबरन घुस आए थे, और उन्होंने 12 लोगों की हत्या कर दी थी. इसके बाद वे घटनास्थल से फरार हो गए थे.

बाद में तीनों हमलावरों की पहचान हो गई थी और पुलिस ने उनके नाम जारी किए थे, जिनके नाम मुराद और दो भाई सैद 32 वर्षीय कोआची और 34 वर्षीय चरीफ कोआची हैं.

पेरिस के उप मेयर पैट्रिक क्लगमैन ने कहा, “उनमें से दो भाई हैं.”

हमले में मारे गए लोगों में पत्रिका के संपादक सहित आठ पत्रकार और दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.

गौरतलब है कि इस्लामिक आतंकवादी संगठन के दो संदिग्ध बंदूकधारियों ने बुधवार को फ्रेंच व्यंग्य पत्रिका ‘चार्ली हेबडो’ पेरिस स्थित कार्यालय में घुसकर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई और करीब 20 लोग घायल हो गए. घायलों में चार की हालत गंभीर है.

हमले में पत्रिका के लिए कुछ समय पहले इस्लाम धर्म के पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बना चुके कार्टूनिस्ट की भी मौत हो गई. गौरतलब है कि तब पैगंबर मोहम्मद के इस कार्टून का मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था.

फ्रांस की एक स्थानीय समाचार वेबसाइट के अनुसार, हमलावर अरबी में ‘हमने पैगंबर का बदला ले लिया’ और ‘खुदा महान है’ चिल्ला रहे थे.

पत्रिका के कार्यालय में कई मिनटों तक गोलीबारी करने के बाद हमलावर एक कार में पूर्व नियोजित तरीके से आराम से भागने में सफल रहे.

एक वीडियो क्लिप में कार्यालय के बाहर सड़क पर दो नकाबपोश बंदूकधारी भागने के लिए कार में बैठने से पहले फुटपाथ पर एक घायल और जमीन पर गिरे हुए पुलिसकर्मी पर गोली चलाते हुए दिखाई दिए.

फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद ने कहा, “पत्रकारों की हत्याएं हमारी अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है और एक क्रूर कृत्य है.”

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक फ्रांस ने पेरिस और उसके बाहर बड़े इलाके में चेतावनी जारी कर दी है.

परिस्थिति के मूल्यांकन और भविष्य में इस तरह के हमलों से बचने के लिए राष्ट्रपति ओलांद के सरकारी आवास ‘एलिसी पैलेस’ में आपात बैठक भी की गई.

इस बीच भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया भर के नेताओं ने इस आतंकवादी हमले की निंदा की.

मुखर्जी ने कहा, “दुनिया के किसी हिस्से में आतंक और हिंसा की कोई जगह नहीं है. दुनिया के हर देश और समाज से आतंकवाद के समूल नाश के लिए दुनिया को एकजुट होना होगा.”

मोदी ने हमले को निंदनीय और घृणित की संज्ञा देते हुए कहा, “हमारी सहानुभूति फ्रांस की जनता के साथ है. मृतकों के परिवार वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है.”

अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पेरिस में इस ‘बेरहम हमले’ की निंदा की.

इंग्लैंड के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा, “पेरिस में हुई हत्याएं दुखद हैं. हम आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई में फ्रांस की जनता के साथ खड़े हैं और प्रेस की आजादी की हिमायत करते हैं.”

समाचार चैनल बीबीसी और स्काई न्यूज ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से कहा पत्रिका के कार्यालय पर हमला करने वालों में कई नकाबपोश शामिल थे.

समाचार नेटवर्क ‘आईटेली’ के अनुसार, एक पत्रकार ने कहा कि उसने हथियारों से लैस कई नकाबपोश लोगों को देखा. कथित तौर पर हमलावर स्वचालित राइफलों से गोलियां बरसा रहे थे.

पत्रिका ने हमला होने से करीब एक घंटा पहले ही एक ट्वीट में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी अबु बकर अल-बगदादी का कार्टून पोस्ट किया था.

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