रायपुर

जीएसटी के कारण छत्तीसगढ़ में व्यापार ठप्प

रायपुर | संवाददाता: जीएसटी का छत्तीसगढ़ में बुरा हाल है और व्यापारियों पर इसे जबरन थोपा जा रहा है.कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि सरकार की इस तानाशाही के कारण बाज़ार में भय का वातावरण है और खरीद-बिक्री लगभग बंद है, व्यापार ठप्प पड़ा हुआ है.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कन्हैया अग्रवाल और महामंत्री राजेश केडिया ने प्रदेश में जीएसटी पंजीयन की प्रक्रिया को पूरी तरह अव्यवस्थित बताया है. इन दोनों नेताओं ने कहा है कि प्रदेश में एक लाख, तीस हजार पंजीकृत व्यापारी हैं, उसमें केवल 53 हजार व्यापारियों का ही अब तक जीएसटी पंजीयन हुआ है. ऐसे में एक जुलाई से शेष व्यापारी किस तरह व्यापार करेंगे.

उन्होंने कहा कि एक सर्वे के अनुसार देश का कुल 4 प्रतिशत व्यापारी कम्प्यूटर का प्रयोग व्यापार में करता है. ऐसे में शत प्रतिशत व्यापारी कैसे ऑनलाइन रिटर्न भरेगा. उन्हें जागरूक करने के साथ सिस्टम की व्यवस्था हेतु भी समय मिलना चाहिए.

दोनों कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जीएसटी पंजीयन की सरकारी व्यवस्था ऑनलाइन पोर्टल पूरी तरह फ्लॉप साबित हो रहा है. सरकार कानून बनाने के लिए राजनीतिक दलों से चर्चा करती है पर प्रभावित होने वाले व्यापारियों से कोई बात तक नही हुई. उनकी परेशानियों पर चर्चा कर उसके निराकरण का प्रयास करना था.

उन्होंने कहा कि अभी तक तो प्रदेश के 30 प्रतिशत पंजीकृत व्यापारी को विभाग द्वारा जीएसटी कोड देना भी बाकी है. ये स्थिति छत्तीसगढ़ ही नही पूरे देश की है.

कन्हैया अग्रवाल ने कहा कि बिना किसी ठोस तैयारी के सरकार ने जीएसटी लागू करने का निर्णय लेकर व्यापारी और कर सलाहकारों को परेशानी में डाल दिया है. उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू करने की तारीख तीन महीने बढ़ाने के साथ ही पोर्टल सही तरीके से लगातार काम करे, पंजीयन सुगम और सरल तरीके से हो सके, इसकी पुख्ता व्यवस्था की जानी चाहिए. साथ ही प्रणाली को सुगम बनाते हुए ट्रेनिंग देनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि जीएसटी में जिस तरह करों का निर्धारण हुआ है, उससे मंहगाई बढ़ना तय है परंतु सरकार के पिछलग्गु संगठनों ने इस बाबत एक शब्द भी नही कहा. ब्रांडेड अनाज , बिजली के तार, प्रेशर कुकर , मिक्सी , इंडक्शन, गैस चूल्हे, कन्फेक्शनरी, अगरबत्ती, बर्तन सभी के दाम बढ़ेंगे पर किसी व्यापारी संगठन ने इसके खिलाफ एक शब्द भी नही बोला. उन्होंने कहा कि बाजार में जीएसटी को लेकर भय का वातावरण है, खरीदी बिक्री लगभग बंद सी है. सरकार अस्थाई पंजीयन क्रमांक जब जारी करेगी तब करेगी, फिलहाल एएनआर नम्बर बिना कंपनी और ट्रांसपोर्ट दोनों व्यापार और परिवहन से मना कर रहे हैं.

error: Content is protected !!