राष्ट्र

मोदी को पटेल की चुनौती

अहमदाबाद | समाचार डेस्क: क्या मोदी के गुजरात से ही उन्हें पटेलो द्वारा चुनौती दी जायेगी? यह सवाल आज राजनीति में रुचि रखने वालों की जुबान पर है. गुजरात में हार्दिक पटेल की अगुवाई में पाटीदार पटेलों को ओबीसी आरक्षण देने के लिये हुंकार भरी गई है. प्रधानमंत्री मोदी जिस गुजरात की बात किया करते हैं उसी गुजरात से आनंदीबेन की सत्ता को चुनौती दी जा रही है जिसे परोक्ष रूप से मोदी को चुनौती के रूप में देखा जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि पिछले 40 दिनों से गुजरात के पटेल लामबद्ध होकर अपने लिये आरक्षण की मांग कर रहें हैं. बीबीसी के अनुसार “हार्दिक पटेल के कंधे से कंधा मिलाते हुए इस संघर्ष में हज़ारों लोग सड़कों पर उतर चुके हैं. उनके तेवर और मक़सद के आगे मोदी सरकार भी दबाव में दिखाई दे रही है. इस आंदोलन के कारण प्रधानमंत्री मोदी के गुजरात विकास मॉडल के दावों पर भी सवाल उठ रहे हैं.”

गौरतलब है कि 1985 में पटेल आरक्षण की मांग को लेकर चर रहे आंदोलन की वजह से तत्कालीन माधव सिंह सोलंकी को इस्तीफा देना पड़ा था. गुजरात में पटेल समुदाय ने जाति आधारित आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार को यहां 10 किलोमीटर लंबी क्रांति रैली निकाली, जिसे प्रदेश की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के लिए सीधी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है.

पटेल समुदाय के लोग सोमवार शाम से ही शहर में जुटने लगे थे. लोगों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए पुलिस व जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे.

पाटीदार अनमत आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल ने इससे पहले लगभग 10 लाख से अधिक समर्थकों को जीएमडीसी मैदान में संबोधित किया और संकल्प लिया कि आरक्षण की मांग से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

पटेल ने कहा, “हम यहां भी एक केजरीवाल पैदा कर सकते हैं. यदि आरक्षण की मांग नहीं मानी गई, तो 2017 में कमल नहीं खिलेगा.”

समुदाय की भारी भीड़ की ओर इशारा करते हुए पटेल ने कहा कि पटेल समुदाय ने साबित कर दिखाया है कि यदि उनके हक को देने से इंकार किया गया, तो वे कुछ भी करने में सक्षम हैं.

प्रदर्शन स्थल पर मुख्यमंत्री के आने की मांग करते हुए पटेल ने चेतावनी दी कि यदि पाटीदार अनमत आंदोलन समिति की मांग सरकार ने नहीं मानी तो अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया जाएगा.

रैली के जीएमडीसी मैदान से कलेक्ट्रेट जाने से पहले पाटीदार अनमत आंदोलन समिति के ज्ञापन को लेने के लिए अहमदाबाद के जिलाधिकारी राजकुमार बेनीवाल के प्रदर्शन स्थल पर आने की संभावना थी.

राज्य भर में पिछले कई दिनों से छोटी-छोटी रैलियां हो रही थीं, जो मंगलवार की महारैली की तैयारी थी. इससे दबाव में आईं प्रदेश की मुख्यमंत्री को मुद्दे पर चर्चा के लिए कैबिनेट की आपात बैठक बुलानी पड़ी.

महारैली के दौरान शहर के आयुक्त शिवानंद झा सहित शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा प्रबंध का जायजा लिया और सुरक्षाबलों को संयम बरतने का निर्देश दिया, वहीं हार्दिक पटेल ने अपने समर्थकों से किसी भी कीमत पर शांति बनाए रखने की अपील की.

मंगलवार की रैली में पटेलों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए गुजरात के अधिकांश हिस्सों और पूरे अहमदाबाद में सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान, स्कूल व कॉलेज स्वत: बंद थे.

जीएमडीसी से लेकर क्लेक्ट्रेट तक 10 किलोमीटर लंबे मार्च के लिए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए. इस दौरान यातायात में फेरबदल किया गया और मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सदस्यों की सुरक्षा बढ़ा दी गई.

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