राष्ट्र

भारत में हिन्दु रहते हैं: संघ प्रमुख

नई दिल्ली | विशेष संवाददाता: संघ प्रमुख भागवत ने हिन्दुस्तान में रहने वालों को हिन्दू न माने जाने पर सवाल उठाये हैं. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को ओडिशा के कटक में एक कार्यक्रम में कहा ”जब इंग्लैंड में रहने वाले अंग्रेज, जर्मनी में रहने वाले जर्मन और अमरीका में रहने वाले अमरीकी हैं तो हिंदुस्तान में रहने वाले हिंदू क्यों नहीं हो सकते?” जाहिर सी बात है कि उनके इस बयान से घमासान मचना लाजिमी है.

उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एनसीपी के डीपी त्रिपाठी ने कहा “भागवत जी की इतनी बात ठीक है कि फ्रांस में रहने वाला फ्रांसीसी है और इटली में रहने वाला इतालवी. उसी तरह भारत में रहने वाले भारतीय हैं. लेकिन फ्रांस का कोई व्यक्ति यह नहीं कहेगा कि उसकी पहचान फ्रांसीसी कैथोलिक है, इसलिए भारत में रहने वाला हर व्यक्ति भारतीय है.”

वहीं, संसद भवन के परिसर में संघ प्रमुख के रविवार के बयान पर बसपा की मायावती ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने देश में रहने वाले विभिन्न धर्मो को ध्यान में रखकर ही देश का नाम हिन्दुस्तान नहीं, भारत रखा था और धर्मनिरपेक्षता के आधार देश का संविधान बनाया था.

संघ प्रमुख मोहन भागवत के बात का भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने समर्थन किया है. शिवसेना के संजय राउत ने भागवत के बयान का स्वागत करते हुए कहा कि बाला साहेब ठाकरे ने सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया था. हिन्दू केवल एक धर्म नहीं है बल्कि एक जीवन शैली है. वे भागवत के बयान का पूरी तरह समर्थन करते हैं.

उधर, माकपा के सीताराम येचुरी ने भागवत के इस बयान की आलोचना की है. कांग्रेस के मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि संविधान में सभी धर्मो को बराबर का दर्जा दिया गया है. व्यक्तिगत तौर पर अगर वह हिन्दू धर्म मानते हैं उनको खुद को हिन्दू कहने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन देश को हिन्दू राष्ट्र नहीं कहा जा सकता.

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