राष्ट्र

समावेशी विकास हमारा सिंद्धात: मनमोहन

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: प्रवासी भारतीयों के सम्मेलन को प्रधानमंत्री ने संबोधित करते हुए कहा कि अगले चुनाव के परिणाम दुनिया के सामने हमारे लोकतंत्र की ताकत का प्रदर्शन करेंगे.

मनमोहन सिंह ने कहा कि “अगले चुनावों के परिणाम चाहे कुछ भी रहें, वे दुनिया के सामने एक बार फिर से हमारे लोकतंत्र और हमारी संस्थाओं की ताकत तथा उन आदर्शों की स्थायी प्रकृति का प्रदर्शन करेंगे, जो विविधताओं से भरपूर हमारे देश की प्रगति और सभी नागरिकों को अवसर, न्याय तथा समानता का जीवन प्रदान करने की हमारे प्रयासों का सुदृढ़ आधार हैं .”

भारत की अर्थव्यवस्था पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि “हमारी अर्थव्यवस्था ने पिछले एक दशक में अच्छा प्रदर्शन किया है. वर्ष 2004 के बाद से लेकर पिछले 9 वर्षों में हमारी सालाना औसत वृद्धि दर 7.9 प्रतिशत रही है.”

प्रवासी भारतीयों के सम्मेलन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि ” इस बात में कोई संदेह नहीं कि हाल में आर्थिक मंदी का दौर रहा है और सम्भवत: इस साल की वृद्धि दर भी पिछले साल की 5 प्रतिशत वृद्धि दर के समान रहेगी. इन परिस्थितियों में अनेक अंतर्राष्ट्रीय कारणों के साथ-साथ घरेलू कारणों का भी योगदान रहा है. इन चुनौतियों के बावजूद, हमारी आर्थिक बुनियाद मजबूत रही है.”

मनमोहन सिंह ने आगे कहा भारत में महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है, लेकिन यह उन लोगों को सदैव दिखाई नहीं देता, जो इसे बड़े परिदृश्‍य पर नहीं देखना चाहते. पिछले 10 वर्षों में हमारे संचार नेटवर्क में व्यापक विस्तार हुआ है और निकट भविष्य में ग्रामीण भारत का काफी हिस्सा ब्रॉडबैंड से जुड़ जाएगा. उच्च शिक्षा की करीब एक हजार संस्थाएं आज त्वरित गति वाले राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क का हिस्सा है. टेलीफोनी या दूरभाषी अब हर किसी की पहुंच में है.

प्रवासी भारतीयों के सम्मेलन में शिक्षा पर उन्होंने बोला कि इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है और केन्द्रीय विश्वविद्यालयों की संख्या 17 से 44 हो गई है तथा आईआईटी और आईआईएम की संख्या भी दोगुनी हो गई है.

उन्होंने सम्मेलन में बोला कि हमने राजमार्गों में 17000 किलोमीटर से ज्यादा हिस्सा जोड़ा है और ग्रामीण क्षेत्रों में 2,00,000 किलोमीटर से ज्यादा नई सड़कें बनाई हैं. हमारी बिजली उत्पादन की क्षमता तेजी से बढ़ रही है. सौर, पवन और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में पहल से हम अपने लिए ज्यादा टिकाऊ ऊर्जा का भविष्य तैयार कर रहे हैं.

अंत में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि में ही तेजी नहीं आई है, बल्कि यह सामाजिक रूप से ज्यादा समावेशी और क्षेत्रीय रूप से ज्यादा संतुलित भी हुई है.

समावेशी विकास हमेशा हमारी सरकार का मार्गदर्शक सिद्धांत रहा है और हमने हाल के वर्षों में ज्यादा जोश और संकल्प के साथ इसका अनुसरण किया है. गरीबी के स्तरों में तेजी से कमी आ रही है, आर्थिक रूप से पिछड़े राज्य तेजी से बढ़ रहे हैं, कृषि विकास में तेजी आई है और वास्तविक ग्रामीण मजदूरी वर्ष 2004 से तीन गुना बढ़ गई है.

मनमोहन सिंह ने कहा कि “मुक्त, पारदर्शी, जवाबदेह और स्वच्छ सरकार देना हमारी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक रहा है. सूचना का अधिकार, लोकपाल कानून, सरकारी खरीद विधेयक, प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन की प्रणालियों में बदलाव तथा हमारी कानून प्रवर्तन एवं लेखा परीक्षा एजेंसियों को सशक्त बनाना, इस दिशा में उठाए गए हमारे कुछ कदमों में शुमार है.

यह कार्य जटिल रहा, क्योंकि हमें अपनी राज्य व्यवस्था की संघीय प्रकृति का सम्मान करते हुए मजबूत पद्धतियों और प्रणालियों को पूरी तरह बदलना पडा. प्रशासन को सशक्त बनाना एक सतत प्रक्रिया है और हम यह कभी नहीं कह सकते कि हमने बहुत कुछ कर लिया है, लेकिन मुझे यकीन है कि हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं”.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!