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भारत मछुआरों का मुद्दा उठायेगा

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: भारत श्रीलंका के सामने भारतीय मछुआरों का मुद्दा उठायेगा. भारत ने शनिवार को कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और श्रीलंकाई विदेश मंत्री मंगल समरवीरा के बीच होने वाली वार्ता के दौरान मछुआरों का मुद्दा उठाया जाएगा. भारत की तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया है जब श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने उनके देश की सीमा में प्रवेश करने वाले भारतीय मछुआरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को न्यायसंगत ठहराया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले सप्ताह प्रस्तावित कोलंबो यात्रा का आधार तैयार करने पहुंचीं सुषमा ने शनिवार को अपने समकक्ष मंगला समरावीरा के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की.

ऐसी संभावना है कि वह भारतीय मछुआरों के मुद्दे उठाएंगी, जिसमें श्रीलंका के समुद्री क्षेत्र में घुसने वाले भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी का मुद्दा भी शामिल है.

गौरतलब है कि विक्रमसिंघे ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों के खिलाफ उठाए गए कदम को न्यायसंगत करार देकर विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा था कि श्रीलंका में घुसने की कोशिश करने वाले शख्स को गोली मारने का प्रावधान कानून में मौजूद है.

चेन्नई स्थित थानथी टीवी को दिए साक्षात्कार में विक्रमसिंघे ने कहा कि उनकी सरकार मछली पकड़ने से संबंधित अधिकार को लेकर भारत के साथ तर्कसंगत समझौता करना चाहती है.

श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने कहा, “अगर कोई मेरे घर में घुसता है, मैं गोली मार सकता हूं. अगर वे मारे जाते हैं, कानून मुझे इसकी इजाजत देता है. मछुआरों के मुद्दे पर जहां तक मेरा सवाल है, मेरा रुख बहुत स्पष्ट है. यह हमारा समुद्री क्षेत्र है. जाफना के मछुआरों को मछली पकड़ने की इजाजत दी जानी चाहिए. हम भारतीय मछुआरों को इस काम के लिए रोकेंगे. वे एक समझौता करना चाहते हैं. हम एक तर्कसंगत समझौता करें. लेकिन यह उत्तरी क्षेत्र के मछुआरों की आय की कीमत पर नहीं होगा.”

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच इस मुद्दे पर चर्चा होगी.

उन्होंने कहा, “भारत और श्रीलंका के बीच वार्ता जारी है, विदेश मंत्री निश्चित रूप से इस मुद्दे को आज श्रीलंकाई समकक्ष और श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के समक्ष उठाएंगी. हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत और श्रीलंका साथ काम करने में सक्षम हैं.”

सुषमा ने शुक्रवार को श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना से मुलाकात की, जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनकी सरकार भारत के साथ संबंध मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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