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ईरान-अमरीकी समझौता एक चुनौती: ओबामा

वाशिंगटन | एजेंसी: ईरान के साथ परमाणु समझौता हो जाने के बाद अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा है कि अब ईरान पर आगे से प्रतिबंध नही लगाया जायेगा.

गौरतलब है कि इस समझौते पर 6 राष्ट्रो के प्रमुखों ने हस्ताक्षर किये हैं. लेकिन बराक ओबामा ने यह भी स्वीकार किया कि ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर किसी व्यापक समझौते पर पहुंचने में आगे बड़ी चुनौतियां मौजूद हैं.

शनिवार को ह्वाइट हाउस में ईरानी परमाणु कार्यक्रम मुद्दे पर बयान देते हुए ओबामा ने समझौते को व्यापक समाधान की ओर महत्वपूर्ण पहला कदम करार देते हुए सराहना की. ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर पश्चिमी राष्ट्रों को संदेह है कि इसकी आड़ में ईरान परमाणु हथियारों का निर्माण कर रहा है.

ह्वाइट हाउस से जारी बयान के मुताबिक ओबामा ने ईरान के शांतिपूर्ण तरीके से परमाणु ऊर्जा के प्रयोग के अधिकार के बारे में कहा, “हम अपनी बुनियादी समझ से समझौते के लिए बात करेंगे. ईरान भी किसी दूसरे राष्ट्र की तरह शांतिपूर्ण तरीके से परमाणु ऊर्जा का प्रयोग करने में सक्षम होगा.”

ओबामा ने कहा, “हमें नए प्रतिबंध लगाने से बचना होगा और हम ईरान की सरकार को राजस्व के एक हिस्से का उपयोग करने की इजाजत देंगे, जिन पर पहले प्रतिबंध लगाया गया था.”

ईरान और विश्व के छह शक्तिशाली राष्ट्रों के बीच तेहरान परमाणु कार्यक्रम को लेकर चल रही वार्ता आखिरकार रविवार सुबह समझौते पर खत्म हुई. अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि समझौते में पर्याप्त सीमाएं तय की गई हैं, जिससे ईरान के परमाणु हथियार बनाने में रोक लगेगी.

ओबामा ने जेनेवा में तड़के तीन बजे समझौते की घोषणा के बाद ह्वाइट हाउस में कहा कि प्रमुख प्रतिनिधि अगले छह महीने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के व्यापक समाधान पर काम करेंगे.

समाचार एजेंसी सीएनएन के मुताबिक शुरुआती छह महीनों के समझौते के तहत ईरान के परमाणु विकास कार्यक्रम पर रोक लग गई है.

यूरोपीय संघ की विदेश मामलों की सचिव कैथरीन एस्टन ने औपचारिक रूप से जेनेवा में तय समझौते की घोषणा की, जहां ईरान, अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस, फ्रांस और जर्मनी के विदेश मंत्रियों की बैठक चल रही थी.

सीएनएन ने एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के हवाले से कहा कि ईरान के यूरेनियम विकसित करने के अधिकार के बारे में परस्पर विरोधी रिपोर्ट भी सामने आई हैं. समझौते में ईरान के यूरेनियम विकसित करने के अधिकार पर ध्यान नहीं दिया गया है.

इधर, ईरान के उप विदेश मंत्री सैयद अब्बास अरागची ने ट्विटर पर लिखा कि “हमारे यूरेनियम विकास कार्यक्रम पर समझौते में गौर किया गया है.”

उन्होंने कहा, “पिछले 10 सालों से प्रतिस्पर्धी के रूप में मजबूती से खड़े रहने के लिए मेरे राष्ट्र को बधाई.” ज्ञात्वय रहे कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर लंबे समय से गतिरोध जारी था तथा ईरान पर प्रतिबंध भी लगाया गया था.

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