कलारचना

‘बिना कारण के बागी’ लीला सैमसन: जेटली

नई दिल्ली | एजेंसी: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने लीला तथा सीबीएफसी के सदस्यों के इस्तीफे को ‘बिना कारण के बागी’ बताया. लीला सैमसन तथा सीबीएफसी के अन्य सदस्यों के सामूहिक इस्तीफे पर अरुण जेटली ने कहा कि सभी पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा नियुक्त किये गये थे. इस कारण से यदि सेंसर बोर्ड में यदि भ्रषट्राचार व्याप्त है तो इसके लिये वे स्वंय दोषी हैं. उल्लेखनीय है कि राम रहीम की फिल्म ‘एमएसजी’ को रिलीज करने की अनुमति दिये जाने के से उपजे विवाद के बाद फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्यों ने शुक्रवार तथा शनिवार को सामूहिक इस्तीफा दे दिया था तथा बोर्ड में भ्रष्ट्राचार के आरोप लगाये थे. इसी के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष लीला सैमसन और अन्य सदस्यों को आड़े हाथों लिया. जेटली ने कहा कि वे सभी संप्रग सरकार द्वारा नियुक्त किए गए हैं और अगर सेंसर बोर्ड में भ्रष्टाचार है तो इसके लिए वे खुद दोषी हैं. सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष लीला सैमसन ने शुक्रवार को पद से इस्तीफा दे दिया था. अपने इस फैसले के पीछे उन्होंने सेंसर बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार को कारण बताया था. उनके इस्तीफे के बाद बोर्ड के नौ अन्य सदस्यों ने भी इस्तीफा दे दिया था.

एक फेसबुक पोस्ट ‘बिना कारण के बागी’ में जेटली ने लीला सैमसन और नौ अन्य सदस्यों द्वारा बोर्ड के कामकाज में सरकार के हस्तक्षेप और सेंसर बोर्ड में भ्रष्टाचार के लगाए गए आरोपों की खिंचाई की.

जेटली ने कहा कि न तो उन्होंने और न ही उनके सहयोगी राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कभी सेंसर बोर्ड के सदस्यों से बातचीत की है और न ही कभी चाहा कि कोई अधिकारी उनसे बातचीत करे.

जेटली ने कहा, “मैं अभी तक सेंसर बोर्ड के न तो किसी सदस्य से मिला हूं और न ही किसी से बातचीत की है. किसी को मैंने बातचीत करने के लिए अधिकृत भी नहीं किया है. ये सभी सदस्य संप्रग सरकार के समय नियुक्त हुए थे और अभी तक वही हैं.”

जेटली ने अपने पोस्ट में कहा, “अगर कहीं पर भ्रष्टाचार है तो इसके लिए संप्रग सरकार में नियुक्त लोगों को स्वयं जिम्मेदार मानना चाहिए. मैं बस यह चाहता हूं सेंसर बोर्ड के प्रमुख द्वारा भ्रष्टाचार की बात कम से कम मुझे एक बार तो बताई जाती. एक निष्क्रिय अध्यक्ष ने ऐसा कभी नहीं किया.” सूचना प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उन्हें कभी सेंसर बोर्ड में व्याप्त कथित भ्रष्ट्राचार के बारे में अध्यक्ष लीला सैमसन व अन्य द्वारा नहीं बताया गया था.

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