राष्ट्र

रोहित खुदकुशी पर न्यायिक आयोग

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद केंद्र सरकार ने न्यायिक आयोग गठित करने का निर्णय लिया. शुक्रवार को जारी सरकारी विज्ञप्त्ति में कहा गया है, “अवलोकन और निष्कर्षों के आधार पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक न्यायिक आयोग गठित करने का निर्णय किया है ताकि पूरे घटनाक्रम और परिस्थितियों की समीक्षा की जा सके तथा तथ्य नियत किए जा सकें. न्यायिक आयोग अपनी रिपोर्ट तीन महीने के अंदर दे देगा.”

सरकारी विज्ञप्त्ति में आगे कहा गया है कि उच्च शिक्षा संस्थानों में कमजोर सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक पृष्ठभूमि वाले छात्रों की समस्याओं को हल करने तथा भविष्य में इस तरह की दुर्भाग्यशाली घटनाओं को रोकने के लिए मंत्रालय ने निम्नलिखित उपाय करने का फैसला किया हैः-

अकादमिक प्रशासकों को संवेदनशील बनाने और सामाजिक शैक्षिक तथा आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की समस्याओं को हल करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. सभी वार्डनों, प्रशासनिक स्टॉफ और रजिस्ट्रारों को अनिवार्य रूप से इस कार्यक्रम में हिस्सा लेना होगा. इसके लिए एक विशेष मॉड्यूल बनाया जाएगा.

मंत्रालय में एक विशेष प्रणाली गठित की जाएगी ताकि इन छात्रों से मिलने वाली शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके.

इस बीच प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उन्हें इस घटना से गहरा आघात लगा है. उधर हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति पी. अप्पा राव को हटाने की मांग कर रहे आंदोलनकारी छात्र झुकने को तैयार नहीं हैं. शुक्रवार को भी उनकी हड़ताल जारी रही.

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने आयोग गठित करने की घोषणा करते हुए कहा कि इससे पूरे घटनाक्रम और परिस्थितियों की समीक्षा की जा सकेगी और सच्चाई का पता लगाया जा सकेगा. आयोग अपनी रपट तीन महीने के अंदर दे देगा.

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को युवा शोधार्थी रोहित की मां से बातचीत की और अपनी संवेदनाएं प्रकट की.

लखनऊ में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे ही मंच पर पहुंचे, छात्रों के एक गुट ने ‘मोदी गो बैक’ के नारे लगाए. सुरक्षाकर्मियों ने विरोध करने वाले छात्रों को तुरंत सभागार से बाहर निकाल दिया. इसके बाद मोदी ने रोहित वेमुला के प्रति शोक जताया और उन्हें याद करते हुए भावुक हो उठे. उन्होंने माना कि ‘रोहित को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा.’

मोदी ने कहा, “लेकिन सच्चाई यही है कि मां भारती ने अपना एक लाल खोया है. उसके परिवार पर क्या बीती होगी… मेरे देश के एक नौजवान बेटे रोहित को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा.”

हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति पी. अप्पा राव को हटाने की मांग कर रहे आंदोलनकारी छात्र झुकने को तैयार नहीं हैं. शुक्रवार को भी सात छात्रों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रही.

केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा चार दलित छात्रों के निलंबन को वापस लेने के बाद भी छात्रों का गुस्सा ठंडा नहीं हुआ है. वे कुलपति के अलावा दो केंद्रीय मंत्रियों और हादसे के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग पर डटे हुए हैं.

पिछले पांच दिनों से 14 छात्रों का समूह सामाजिक न्याय के लिए संयुक्त कार्रवाई समिति के बैनर तले आंदोलन कर रहा है. इनमें से सात संयुक्त कार्रवाई समिति सदस्यों का अनिश्चितकालीन हड़ताल तीसरे दिन भी जारी है. इनमें वे चार निलंबित छात्र भी शामिल हैं जो परिसर के बाहर तंबू लगाकर पिछले एक महीने से अपने निलंबन को वापस लेने की मांग कर रहे थे.

एक महीने पहले पांच छात्रों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने कथित तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र के साथ मारपीट के आरोप में निलंबित कर दिया था. इनमें से एक छात्र रोहित वेमुला ने अपने दोस्त के छात्रावास के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इसके बाद दलित उत्पीड़न को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.

हैदराबाद विश्वविद्यालय के 13 शिक्षक जो अनुसूचित जाति व जनजाति श्रेणी के हैं, ने मानव संसाधन मंत्रालय के खिलाफ अपने पद से इस्तीफा दे दिया. मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने यह बयान दिया था कि जिस उपसमिति ने छात्रों को निलंबित करने का फैसला किया था, उसके प्रमुख एक दलित प्रोफेसर थे.

विश्वविद्यालय के एससी/एसटी छात्रों और कर्मियों ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ झूठ बोलने और भ्रम फैलानेवाले बयान देने का आरोप लगाया है.

इस दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं का हैदराबाद विश्वविद्यालय का दौरा जारी है. वे आंदोलनरत छात्रों के साथ एकजुटता व्यक्त करने और केंद्रीय मंत्रियों स्मृति ईरानी और बंडारू दत्तात्रेय के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, क्योंकि इन दोनों मंत्रियों ने संस्थान में दखलअंदाजी की, जिसके कारण दलित छात्रों को निलंबन का सामना करना पड़ा.

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