कलारचना

बालीवुड के ‘अप्पू राजा’ कमल हासन

नई दिल्ली | मनोरंजन डेस्क: अपनी पहली ही हिंदी फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ से बालीवुड में छा जाने वाले तमिल अभिनेता कमल हासन का शुक्रवार को जन्म दिन है. फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ के लिये में पहली बार अभिनय करने वाली रति अग्निहोत्री ने भी दर्शकों का मन मोह लिया. फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ में कमल हासन के अभिनय ने दर्शकों को जतला दिया कि बालीवुड में एक और डांस मास्टर का प्रवेश हो चुका है. अपने डांस के समान ही अभिनय के बदौलत कमल हासन ने वर्षो तक हिन्दी सिनेमा के दर्शको को बांधे रखा. कमल हासन ने अपनी फिल्म ‘चाची 420’ से साबित कर दिया कि एक ही फ्रेम में वे दो तरह के किरदार करने की बेजोड़ क्षमता रखते हैं. साल 1998 में आई हिंदी फिल्म ‘चाची 420’ की नटखट चाची को भला कौन सिने प्रेमी नहीं जानता होगा और चाची की भूमिका निभाने वाले अभिनेता कमल हासन की प्रतिभा से परिचित न हो, ऐसा भी कोई सिने प्रेमी नहीं होगा.

कमल हासन सिनेमा की दुनिया में अपनी विशेष भावपूर्ण अदाकारी के लिए जाने जाते हैं. उनकी गिनती दक्षिण भारतीय फिल्मों के सबसे अनुभवी अभिनेताओं में होती है.

बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले हासन एक अभिनेता, नर्तक, गायक, पटकथा लेखक, फिल्म निर्माता और निर्देशक भी हैं. उनकी फिल्म ‘विश्वरूपम’ के साउंड इफेक्ट्स विश्व में पहली बार किसी फिल्म में इस्तेमाल किए गए हैं.

सात नवंबर, 1954 को तमिलनाडु में जन्मे कमल हासन ने सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत बाल कलाकार के तौर पर की थी. 1959 में निर्देशक ए. भीम सिंह के निर्देशन में बनी ‘कलत्तुर कन्नम्मा’ में बाल कलाकार के रूप में दमदार अभिनय से मास्टर कमल ने न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता था, बल्कि वह सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार के राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किए गए थे.

हासन ने अपने चार दशक लंबे सिने कैरियर में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया है. यूं तो फिल्मों में कदम उन्होंने छुटपन में ही रख दिया था, लेकिन सुपर स्टार के दर्जे तक पहुंचने का उनका सफर इतना आसान नहीं रहा. सिनेमा जगत में जगह बनाने के लिए हासन क्षेत्रीय फिल्मों और बॉलीवुड में लगातार संघर्ष करते रहे थे.

हासन के पिता की इच्छा अपने तीन बेटों में से किसी एक को फिल्म अभिनेता के रूप में देखने की थी और उन्होंने इसके लिए कमल हासन को चुना. पिता के कहने पर हासन ने पढ़ाई बीच में छोड़कर नृत्य का प्रशिक्षण लिया और कुछ फिल्मों में सहायक नृत्य निर्देशक के रूप में काम भी किया.

साल 1972 में जाने माने निमार्ता-निर्देशक के. बालचंद्रन ने हासन की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें अपनी फिल्म ‘अरंगेतरम’ में नायिका के भाई की भूमिका दी थी. 1973 में प्रदर्शित इस फिल्म में भूमिका छोटी होने के बावजूद हासन ने अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया और दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहे.

वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म ‘अपूर्वा रंगनागल’ में मुख्य अभिनेता की भूमिका निभाने का अवसर उन्हें मिला, जिसके बाद सही मायनों में उन्हें फिल्म जगत में पहचान मिली. उसके बाद 1977 में ’16 भयानिथानिले’ के सुपरहिट होने के साथ कमल हासन स्टार कलाकार बन गए. इस फिल्म में उन्होंने अभिनेता रजनीकांत और अभिनेत्री श्रीदेवी के साथ काम किया था.

साल 1981 में हासन को पहली बार हिंदी फिल्म में काम करने का मौका ‘एक दूजे के लिए’ में मिला. फिल्म तो सुपरहिट रही, हासन भी पहली ही फिल्म से हिंदी सिनेमा में छा गए. इसके बाद उन्होंने ‘सदमा’, ‘सागर’, ‘गिरफ्तार’ जैसी कई हिंदी फिल्मों में काम किया और सराहे भी गए.

इसके अलावा उन्होंने ‘पुष्पक’, ‘नायकन’, ‘अप्पू राजा’, ‘इंडियन’ जैसी फिल्मों में काम किया. पिछले साल प्रदर्शित उनकी फिल्म ‘विश्वरूपम’ तमिल के साथ-साथ ‘विश्वरूप’ नाम से हिंदी भाषा में भी बनाई और प्रदर्शित की गई थी. फिल्म ने दुनिया भर में करोड़ों रुपये का कारोबार किया. कमल इस समय फिल्म के सीक्व ल पर काम कर रहे हैं.

कमल हासन को मिले सम्मान और पुरस्कारों की सूची काफी लंबी है. उन्हें पांच राष्ट्रीय पुरस्कार, 13 दक्षिण भारतीय फिल्मफेयर अवॉर्ड, 2 फिल्मफेयर अवॉर्ड, तीन नंदी अवॉर्ड, नौ तमिलनाडु स्टेट नेशनल अवॉर्ड सहित कई पुस्कारों से विभूषित किया जा चुका है.

इन सब के अलावा हासन को भारत सरकार ने पद्मश्री और पद्म भूषण सम्मान से भी विभूषित किया है. तमिल फिल्मों से सिल्वर स्क्रीन में प्रवेश करने वाले कमल हासन ने हिन्दी फिल्मों के दर्शकों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है. इसके अलावा भी कमल हसन की पहचान एक ऐसे विनम्र अभिनेता की है, जिनमें बेहतर अभिनय और बेहतर इंसान की जंग चलती रहती है.

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