छत्तीसगढ़

तेंदुए की 4 खाल बरामद, पुलिसकर्मी गिरफ्तार

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में वन विभाग ने शिकारियों के एक गिरोह से चार तेंदुए की खाल बरामद की है. जिस शिकारी गिरोह को पकड़ा गया है, उसमें एक सहायक आरक्षक और एक गोपनीय सैनिक भी शामिल है.

गौरतलब है कि पिछले महीने भी 8 दिसंबर को कांकेर से वन विभाग की एक विशेष टीम ने बाघ की खाल बरामद की थी. इस शिकारी गिरोह में भी कोंडागांव के दो पुलिसकर्मी और एक कथित पत्रकार को गिरफ्तार किया गया था.

शुक्रवार को रायपुर और बिलासपुर की वन विभाग की एक टीम ने छापा मार कर दंतेवाड़ा के गीदम इलाके से लगे हुये बड़े केरला गांव से तेंदुओं की चारों खालें बरामद की हैं.

इस छापामारी में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

गिरफ्तार लोगों में नेलसनार गांव के रहने वाले सहायक आरक्षक मसराम कड़ियाम और बेलनार के रहने वाले गोपनीय सैनिक शंकर पोयाम भी शामिल हैं. दोनों बांगापाल थाने के निवासी हैं.

बाघ और तेंदुए के शिकार में आगे छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में पिछले पांच साल में 19 बाघ के खाल बरामद किये गये हैं. इसी तरह पिछले 10 सालों में तेंदुए की 51 खाल बरामद की गई है.

छत्तीसगढ़ के वाइल्ड एनिमल एंटी पोचिंग डेटाबेस के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2014 से 2018 के मध्य 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ में 18 बाघों की खाले जप्त की गई.

इसी प्रकार वर्ष 2006 से 2017 के मध्य 51 तेंदुओं की खालें जप्त करने व शिकार के प्रकरण दर्ज किए गए. इनमें से 5 बाघों की खालें और 30 तेंदुओं की खालें कांकेर वन मंडल से बरामद की गई है.

छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या आधी रह गई है. 2014 में राज्य में 46 बाघ होने का दावा किया गया था. लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा 2019 में जारी रिपोर्ट के अनुसार राज्य में केवल 19 बाघ रह गये हैं. यह स्थिति तब है, जब देश भर में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है.

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