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व्यापमं घोटाले में संघ भी?

भोपाल | समाचार डेस्क: मिहिर कुमार 50 फीसदी सवाल हल करके मेरिट लिस्ट में आया था. मध्यप्रदेश के व्यापमं घोटाले में रोज-रोज नये खुलासे हो रहे हैं. अब तक भाजपा नेताओं पर आरोप लगते रहे हैं परन्तु शुक्रवार को संघ के पूर्व सरसंघचालक केएस सुदर्शन तथा सहसरकार्यवाहक सुरेश सोनी का नाम भी व्यापमं घोटाले में आ गया है. दावा किया जा रहा है कि ये दोनों नेता भी कथित रुप से इस घोटाले में शामिल हैं. हालांकि भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रभात झा ने इस तरह की खबरों को बेबुनियाद करार दिया है.

शुक्रवार को मीडिया के एक धड़े में तेजी से संघ नेताओं के व्यापमं घोटाले में शामिल होने की खबर फैली. इन खबरों के अनुसार संघ नेता केएस सुदर्शन के कथित सहायक मिहिर कुमार ने एसटीएफ को बताया है कि, “मैं केएस सुदर्शन के सहायक के तौर पर काम करता था. मैंने फूड इंस्पेक्टर एग्जामिनेशन, 2012 के अपने आवेदन फॉर्म की फोटोकॉपी सुदर्शन को दी और उनसे अपनी नौकरी के लिए गुजारिश की. उन्होंने इसके लिए तुरंत पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को फोन किया. लक्ष्मीकांत शर्मा ने नौकरी के लिए भरोसा दिलाया था.”

कथित रुप से मिहिर कुमार ने आगे बताया, “सुदर्शन ने मुझसे कहा कि मैं एग्जाम में जितना जानता हूं, उतने सवालों के जवाब दूं और बाकी ओएमआर शीट खाली छोड़ दूं. मैंने हिंदी, इंग्लिश, रीज़निंग, मैथ्स, फिज़िक्स और जनरल नॉलेज के करीब 50 फीसदी सवालों के जवाब दिए और बाकी ओएमआर शीट खाली छोड़ दी. 18 अक्टूबर 2012 को जब रिजल्ट आया, तो मेरिट लिस्ट में मेरा नाम 7वें नंबर पर था. इस एग्जाम को व्यापमं ने 7 अक्टूबर 2012 को करवाया था.”

वहीं, व्यापमं के पूर्व कंट्रोलर पंकज त्रिवेदी ने एसटीएफ को बताया, ” पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने फूड इंस्पेक्टर पद के लिए उम्मीदवार मिहिर कुमार, रोल नंबर 702735 की सिफारिश की थी. उन्होंने बताया था कि मिहिर आरएसएस नेता सुरेश सोनी के आदमी हैं. उन्होंने राज कुमार धाकड़, रोल नंबर 703897, नरेश चंद सागर, रोल नंबर 707032, सुनील कुमार साहू, रोल नंबर 711230 और अवधेश भार्गव, रोल नंबर 705133 की भी सिफारिश की थी. उनके ओएसडी ओपी शुक्ला ने मुझसे कहा था कि पांचों उम्मीदवार बहुत महत्वपूर्ण हैं.”

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा व्यापमं घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किये जा चुके हैं. इससे भाजपा को पहले से ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शुक्रवार को व्यापमं घोटाले में संघ के दो बड़े नेताओं का नाम आने से संघ भी परेशान है. इस आरोप के आने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से इस्तीफे की मांग की है.

उधर, मध्यप्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रभात झा ने मीडिया से कहा है कि संघ के जिस नेता का नाम लिया जा रहा है, वह अब इस दुनिया में नहीं हैं तथा उन्होंने जीवन भर देश तथा समाज के लिये कार्य किया है. उन्होंने आगे कहा कि सुरेश सोनी का नाम अनावश्क रूप से इस मामले में घसीटा जा रहा है. संघ का नाम आ जाने से भाजपा अब रक्षात्मक मुद्रा में आ गई है.

मध्यप्रदेश व्यापमं घोटाला दरअसल दो हिस्सों में बंटा हुआ है. पहले हिस्से में मेडिकल तथा इंजीनियरिंग की परीक्षा में गड़बड़िया की गई थी. दूसरी भर्ती में भी अपात्र लोगों को नौकरियों में रखा गया है. जबलपुर उच्च न्यायालय के निर्देश पर एसटीएफ मामले की जांच कर रही है.

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