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जयललिता की मौत सवालों के घेरे में

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: जयललिता की मौत पर उठ रहे सवाल अब मद्रास हाईकोर्ट तक पहुंच गये हैं. तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के मौत के रहस्य से पर्दा उठाने की मांग करकने वाली एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई है. इस पर सुनवाई करते हुये खुद जस्टिस वैद्यनाथन ने कहा कि अगर वह जांच अधिकारी होते तो शव के पोस्टमॉर्टम के लिये उसे बाहर निकालने का आदेश जरूर देते. जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुये जस्टिस वैद्यनाथन ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और अपोलो अस्पताल प्रशासन को नोटिस जारी करते हुये पूछा है कि तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री के शव को समाधिस्थल से निकालने का आदेश हम क्यों ना दें?

अपने समर्थकों के बीच ‘अम्मा’ के नाम से मशहूर जयललिता को बुखार और शरीर में पानी की कमी के कारण 22 सितंबर चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहीं उन्हें 4 दिसंबर को दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद 5 दिसंबर को उनका निधन हो गया. इस दौरान सत्ताधारी पार्टी और राज्य सरकार द्वारा जयललिता की सेहत को लेकर बरती गई गोपनीयता से कई लोग नाखुश है.

इसी को लेकर जस्टिस वैद्यनाथन ने कहा, मीडिया में इस बाबत कई आशंकाएं जताई गईं, और मुझे भी इस संबंध में कुछ आशंकायें हैं. उन्होंने कहा जब वह अस्पताल में भर्ती हुई थी, तो बताया गया था कि वह प्रॉपर डाइट पर हैं. कम से कम उनके निधन के बाद तो अब सच्चाई उजागर होनी चाहिये. उन्होंने कहा कि अगर वह जांच अधिकारी होते तो शव के पोस्टमॉर्टम के लिये उसे बाहर निकालने का आदेश जरूर देते.

जयललिता के निधन को लेकर कई लोग अपनी आशंकायें जताते रहे हैं. इन्हीं लोगों में शामिल एआईएडीएमके के सदस्य पीए जोसफ ने पार्टी प्रमुख की मौत के रहस्य से जुड़ी एक जनहित याचिका मद्रास हाईकोर्ट में दायर की है. उन्होंने 22 सितंबर 2016 को अपोलो अस्पताल में जया के भर्ती होने से लेकर उनकी मौत तक, सभी घटनाओं का ब्यौरा दिया है. उनका कहना है कि जया की मौत को लेकर लोगों के मन में कई शंकायें हैं.

वहीं पार्टी से निष्कासित सांसद शशिकला पुष्पा ने भी जयललिता के निधन की जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. शशिकला पुष्पा ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की सीबीआई या न्यायिक जांच की मांग की है.

अपनी याचिका में पुष्पा ने जयललिता के निधन की परिस्थितियों को संदेहास्पद बताया है. सांसद ने जया की करीबी शशिकला नटराजन पर शक जताया है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के लोगों को शक है कि शशिकला नटराजन और उनके परिवार ने अम्मा के निधन में कुछ किया है. न्याय की जरूरत है. जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने से लेकर निधन तक की सीबीआई जांच होनी चाहिये.

गौरतलब है कि जयललिता के मुख्यमंत्री पद पर रहते समय इस बात की आशंका जताई गई थी कि उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा है. मीडिया में उस समय छपी खबरों के अनुसार इसके प्रति जयललिता को आगाह भी किया गया था.

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