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हिट एंड रन: शीर्ष अदालत में चुनौती

नई दिल्ली | मनोरंजन डेस्क: महाराष्ट्र सरकार ने सलमान खान को ‘हिट एंड रन’ मामले में बरी किये जाने को सर्वोच्य न्यायालय में चुनौती दी है. महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के 2002 में दुर्घटना मामले में बम्बई उच्च न्यायालय ने कमजोर फैसला सुनाया था. महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति जे. एस. केहर और न्यायमूर्ति सी. नागप्पन की पीठ को मामले की जानकारी दी और निचली अदालतों की सुनवाई से संबंधित दस्तावेज पेश किए.

शीर्ष अदालत ने कहा कि चूंकि यह मामला बरी किए जाने से जुड़ा है, इसलिए सभी सबूतों की जांच के बाद ही सलमान खान को नोटिस जारी किया जाएगा.

रोहतगी ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि इसमें यह निष्कर्ष निकाला गया कि दुर्घटना के समय सलमान खान गाड़ी नहीं चला रहे थे, जिसपर संदेह पैदा होता है. उन्होंने इस मामले में अचानक 13 साल बाद सलमान खान के चालक के सामने आने पर भी सवाल उठाया.

न्यायालय ने रोहतगी से सबूत से अवगत कराने को कहा और अगली सुनवाई 12 फरवरी तक के लिए टाल दी.

सलमान खान के वकील कपिल सिब्बल ने न्यायालय से निचली अदालत के रिकार्ड का अनुवादित संस्करण मुहैया कराने के लिए सम्मन जारी करने की गुजारिश की.

सर्वोच्च न्यायालय ने जनवरी में सलमान खान की कैविएट याचिका स्वीकार किया था, जिसमें कहा गया था कि इस मामले में महाराष्ट्र सरकार के अपील पर कोई आदेश जारी करने से पहले उनका पक्ष सुना जाए.

इस दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गए थे. सलमान को सत्र न्यायालय ने छह मई, 2015 को गैर इरादतन हत्या में दोषी करार देते हुए पांच साल जेल की सजा सुनाई थी.

हालांकि 10 दिसंबर, 2015 को बम्बई उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए सलमान को मामले से बरी कर दिया था.

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