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मलेरिया से मौत: हर 1.2 मिनट में 1 बच्चा

संयुक्त राष्ट्र | समाचार डेस्क: यूनिसेफ ने गुरुवार को कहा कि विश्वभर में मलेरिया से प्रति 1.2 मिनट में 1 मौत हो जाती है. जिसका अर्थ है कि हर दिन मलेरिया से 1200 बच्चों की मौत हो जाती है. इतना ही नहीं मलेरिया का गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है जो चिंतनीय विषय है. हालांकि, वर्ष 2000 से अब तक बच्चों की मौत में 40 फीसदी की गिरावट आई है. संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने विश्व मलेरिया दिवस से पहले इसकी ‘फैक्ट्स अबाउट मलेरिया एंड चिल्ड्रेन’ को जारी किया, जिसका मकसद विश्वभर में बच्चों और गर्भवती महिलाओं पर इस रोग के पड़ने वाले वाले अत्यधिक प्रभाव को दिखाना है.

इस कार्यक्रम से संबंधित यूनिसेफ के सहायक निदेशक मिकी चोपड़ा ने कहा, “वर्ष 2000 से इस रोग में आई 40 फीसदी की गिरावट के कारण इस साल विश्व मलेरिया दिवस इस बात का संकेत है कि हम कितनी दूर चले आए हैं.”

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, चोपड़ा ने कहा, “हालांकि, करीब पांच लाख बच्चों की मौत एक दुखद याद है कि बिना प्रयास और निवेश के यह रोग समय समय पर हम सभी के लिए चुनौती बना रहेगा.”

विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, मलेरिया से होने वाली मौत में विश्वभर में 47 फीसदी की गिरावट आई है और अफ्रीका में यह दर 54 फीसदी है.

2013 में 5,84,000 लोगों की मौत मलेरिया से हुई थी, जिसमें से 90 फीसदी मौतें अफ्रीकी देशों में हुई थीं.

हालांकि, साल 2000 से मलेरिया से बच्चों की होने वाली मौतों में कमी आई है, लेकिन मलेरिया से होने वाली मौतों में 78 फीसदी आंकड़ा पांच साल से कम उम्र के बच्चों का है. इसका मतलब यह है कि 1200 से अधिक बच्चे हर दिन मलेरिया के शिकार होते हैं, यानी प्रत्येक घंटे 50 बच्चे.

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