छत्तीसगढ़

संजीवनी एंबुलेंस का दुरुपयोग: कैग

रायपुर | समाचार डेस्क: कैग के ताजे खुलासे के अनुरुप छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड ने 1.03 करोड़ रुपये व्यर्थ में व्यय किये हैं.यह व्यर्थ खर्च छत्तीसगढ़ श्रम विभाग ने किया है. इस विभाग ने ‘संजीवनी एक्सप्रेस’ को दूसरे कामों में लगाया. जिसका पता उसके रिकार्ड को देखने से सामने आया है.

छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड पर कैग की रिपोर्ट विधानसभा में मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को पेश की. जिसमें सितंबर 2008 से फरवरी 2012 के बीच छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड का लेखा परीक्षण प्रस्तुत किया गया है.

गौरतलब है कि संजीवनी एम्बुलेंस को निर्माण कार्यो में संलग्न मजदूरों को दुर्घटना होने पर अस्पताल ले जाने के लिये खरीदा गया था.

कैग की रिपोर्ट से खुलासा होता है कि मजदूरों को अस्पताल पहुंचाने के स्थान पर इसका उपयोग प्रशासनिक कार्यों एवं विभाग के योजनाओं के प्रचार के लिये किया गया था.

कैग ने टिप्पणी की है कि एक भी संजीवनी एंबुलेंस से किसी घायल मजदूर को नहीं ले जाया गया है. कैग ने कहा है कि संजीवनी एंबुलेंस की शुरुआत अप्रैल 2010 में की गई थी. जिसके लिये प्रदेश भर में 15 एंबुलेंसों को खरीदा गया था.

ज्ञात्वय रहे कि छत्तीसगढ़ के श्रम विभाग ने संजीवनी एंबुलेंस योजना को आक्समिक परिस्थितियों में मुफ्त चिकित्सीय सुविधा देने के लिये किया था.

इन संजीवनी एंबुलेंसों की खरीद के लिये राज्य के विभिन्न जिलों के श्रम कार्यालयों को 69.76 लाख रुपयों का आबंटन किया गया था. इसके अलावा 20.68 लाख रुपये एंबुलेंस के चालकों के वेतन तथा 13.45 लाख रुपये डीजल के लिये दिया गया था.

हैरत की बात है कि छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के सचिव ने कैग को उत्तर दिया है कि संजीवनी एंबुलेंस का उपयोग विभिन्न कार्यक्रमों तथा दूसरे कार्यों में किया गया था. कैग ने कहा है कि सचिव के उत्तर से यह स्पष्ट है कि संजीवनी एंबुलेंसो का दुरुपयोग किया गया है.

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