राष्ट्र

साड़ी, शरीफ़ , शराफ़त और मां

नई दिल्ली | विशेष संवाददाता: पाक पीएम शरीफ़ ने मोदी की मां को साड़ी क्या भेजी कुमार विश्वास को कटाक्ष करने का मौका मिल गया. गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी की मां के लिये तोहफ़े में साड़ी भेजी है. इससे पहले जब शरीफ़ भारत आये थे तब मोदी ने उनकी मां के लिये शाल भिजवाया था.

भारत के प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भेजे गये शाल पर खुद शरीफ की बेटी ने ट्वीटर के जरिए उनका धन्यवाद किया था. उसी प्रकार से शिष्टाचार वश मोदी ने भी ट्वीटर पर ट्वीट किया “नवाज शरीफ जी ने मेरी मां के लिए एक खूबसूरत सी सफेद रंग की साड़ी भेजी है. मैं उनका आभारी हूं और जल्द ही इसे मां के पास भिजवाऊंगा.”

इसके बाद हैरतअंगेज ढ़ंग से दो मांओ के साड़ी तथा शाल के बीच आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास कूद पड़े हैं. कुमार विश्वास ने ट्वीटर के माध्यम से तंज कसा है कि शाल और साड़ियों के सरहद पार आने-जाने की खबरों के बीच शहीद हेमराज की पत्नी अपने पति के सरहद पार रह गए सिर की प्रतीक्षा कर रही है.

न ही यह कोई ‘दीवार’ फिल्म है जिसमें दो भाइयों के बीच में मां किसके पास है इसको लेकर सवाल उठाये जा रहें हैं. यह मौका है दो पड़ोसी देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा आपस में अपने समकक्ष के मां को उपहार भेजना का. हो सकता है कि इसमें कोई कूटनीति हो परन्तु कुमार विश्वास का इस मौके पर उग्र राष्ट्रवादी ढ़ंग से हस्तक्षेप करना, निश्चित तौर पर शराफ़त के खिलाफ है.

मोदी के प्रधानमंत्री बनने से देश के लोगों को उनसे असीम उम्मीदें हैं यह बात अपनी जगह पर ठीक है. मोदी इन उम्मीदों पर कितने खरें उतरते हैं यह भी भविष्य के गर्भ में है. जाहिर है कि अपने चुनाव प्रचार के समय मोदी ने जिस राष्ट्रीयता के भावना को बढ़ावा देकर युवाओं में पैठ बनाई है, कुमार विश्वास उसी की तर्ज पर उन्हें कटाक्ष कर रहें हैं.

तमाम राजनीतिक मतभेद के बावजूद भी कुमार विश्वास को यह ध्यान में रखना चाहिये कि उनके ट्वीट को पाकिस्तान में भी पढ़ा जा रहा है. हालांकि, नवाज़ शरीफ़ के मोदी द्वारा अपने मां के लिये दिये गये शाल को ग्रहण करने तथा उनकी बिटियां द्वारा उसका स्वागत करने को पाकिस्तान के कट्टरपंथी किस रूप में ले रहें हैं वह अपनी जगह है लेकिन आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास का ट्वीट हजम करने लायक नहीं है.

राजनीति, कूटनीति तथा मतभेद को मां से अलग रखना चाहिये.

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