राष्ट्र

मोदी की ‘मन की बात’, परीक्षा बोझ नहीं

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: प्रधानमंत्री मोदी ने बोर्ड परीक्षा में बैठने वालों बच्चों से कहा परीक्षा बोझ नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बारें में बच्चों को बताया, “ने मेरे जीवन में किसी भी exam में अच्छे परिणाम प्राप्त नहीं किये थे. ऐसे ही मामूली जैसे लोग पढ़ते हैं वैसे ही मैं था और ऊपर से मेरी तो handwriting भी बहुत ख़राब थी. तो शायद कभी-कभी तो मैं इसलिए भी पास हो जाता था, क्योंकि मेरे teachers मेरा पेपर पढ़ ही नहीं पाते होंगे.” मोदी ने रविवार को कहा कि बोर्ड और प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र अनावश्यक तनाव से बचने के लिए और सफल होने के लिए खुद के साथ प्रतिस्पर्धा रखें, दूसरों के साथ नहीं.

देश भर में रेडियो पर प्रधानमंत्री की ओर से नियमित प्रसारित होने वाले कार्यक्रम ‘मन की बात’ का जोर परीक्षाओं पर केंद्रित था. मोदी ने इस कार्यक्रम में कहा, “हमें दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा में अपनी ऊर्जा नहीं गंवानी चाहिए. खुद से प्रस्पर्धा शुरू कीजिए और यह निश्चित कीजिए कि आपका वर्तमान आपके भूत से बेहतर है.”

उन्होंने कहा, “परीक्षा को बोझ बनाने के लिए हम जिम्मेवार हैं. हमें ऐसा करना बंद करना होगा.”

कक्षा 10 एवं 12 के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवं अन्य केंद्रीय एवं राज्यस्तरीय बोर्ड परीक्षाएं मार्च में आयोजित होंगी.

मोदी ने इस माह के शुरू में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को आमंत्रित कर परीक्षाओं से जुड़े अपने अनुभवों को साझा करने के लिए कहा था. यह कदम मोदी ने बोर्ड एवं प्रतियोगिता परीक्षाओं के पूर्व अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम के लिए उठाया था. अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने परीक्षा में बैठने वाले बच्चों से कहा, “आइये, परीक्षा के उत्सव को आनंद उत्सव में परिवर्तित कीजिए, बहुत बहुत शुभकामनाएं!”

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