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MSP : किसानों की संख्या बढ़ी लेकिन खेती का रकबा घटा

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन कराने वाले किसानों की संख्या भले बढ़ गई हो लेकिन धान का रकबा घट गया है. किसानों की संख्या बढ़ने के बाद, धान का रकबा भी बढ़ना था.

कांकेर में पिछले साल 74,280 किसान पंजीकृत थे. इन किसानों का पंजीकृत रकबा 1,09,627 हेक्टेयर था. इस साल यानी 2020-21 में किसानों की संख्या बढ़ कर 81,830 हो गई लेकिन किसानों की संख्या में 7,550 लोगों का इजाफा होने के बाद पंजीकृत रकबा बढ़ने के बजाये और घट गया. 2020-21 में पंजीकृत रकबा घट कर 1,07,466 रह गया. यानी पंजीकृत रकबा में 2161 हेक्टेयर कम हो गया.

इसी तरह जांजगीर-चांपा में 2019-20 में पंजीकृत किसानों की संख्या 1,73,239 थी और पंजीकृत रकबा 2,19,607 था. 2020-21 में किसानों की संख्या बढ़ कर 1,88,439 पहुंच गई. लेकिन 15,200 किसानों की संख्या बढ़ने के बाद भी पंजीकृत रकबा घट कर 2,17,713 रह गया. यानी यहां भी 1894 हेक्टेयर की कमी आ गई.

धमतरी ज़िले में पिछले साल 1,05,519 किसानों ने 1,20,623 हेक्टेयर के लिए पंजीयन करवाया था. इस साल पंजीयन करवाने वाले किसानों की संख्या बढ़ कर 1,11,709 हो गई लेकिन रकबा घट कर 1,19,733 हो गया.

यही हाल गरियाबंद को हुआ. यहां भी पिछले साल 71,475 किसानों ने 96,852 हेक्टेयर के लिए पंजीयन कराया लेकिन इस साल किसानों की संख्या 76,040 होने के बाद भी रकबा घट कर 96,385 हो गया.

महासमुंद ज़िले में पिछले साल 1,34,415 किसानों ने 2,16,310 हेक्टेयर के लिये पंजीयन कराया था. इस साल किसानों की संख्या बढ़ा कर 1,41,554 हो गई. लेकिन यहां भी रकबा बढ़ने के बजाये घट गया. इस ज़िले में इस साल 2,13,037 हेक्टेयर रकबा रह गया.

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