खेल

नरसिंह से NADA ने प्रतिबंध हटाया

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: भारतीय पहलवान नरसिंह यादव का रियो ओलम्पिक में हिस्सा ले सकते है. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने सोमवार को डोपिंग के आरोप में उन पर लगाया गया अस्थायी प्रतिबंध हटा लिया है. गौरतलब है कि इसी महीने इससे पहले डोप टेस्ट में स्टेरॉयड के सेवन का दोषी पाए जाने के बाद नाडा ने नरसिंह पर अस्थायी प्रतिंबध लगा दिया था.

रियो ओलम्पिक में जाने के लिए अपने साथी खिलाड़ी और दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता सुशील कुमार से कानूनी जंग जीतने वाले नरसिंह को नाडा ने साजिश का शिकार बताया.

नाडा ने कहा कि नरसिह की छवि खराब करने की कोशिश की गई तथा संदेह का लाभ देते हुए उनसे प्रतिबंध हटाया गया है.

नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने यहां पत्रकारों से कहा, “नरसिंह यादव की तरफ से किसी तरह की कोई गलती और लापरवाही नहीं बरती गई है. प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी द्वारा उनकी छवि खराब करने की कोशिश की गई है.”

उन्होंने कहा, “पैनल का मानना है कि अभ्यास के दौरान अपने पेय पदार्थ पर ध्यान देना नामुमकिन है इसलिए इसे खिलाड़ी द्वारा की गई गलती नहीं माना जाएगा.”

अग्रवाल ने कहा, “पैनल का मानना है कि प्रतिबंधित पदार्थ का सिर्फ एक बार सेवन किया गया, जिसके संबंध में नरसिह को कोई जानकारी भी नहीं थी. इसस उनका दावा मजबूत होता है.”

नाडा की अनुशासनात्मक समिति ने गुरुवार को नरसिंह मामले पर अपनी सुनवाई खत्म कर दी.

पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत भारत को ओलम्पिक कोटा दिलाने वाले नरसिंह नाडा द्वारा 25 जून को कराए गए डोप टेस्ट में असफल साबित हुए थे.

नरसिंह के बी नूमने में भी प्रतिबंधित पदार्थ के अंश पाए गए थे. इसके बाद उन पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया था जिसके कारण उनके ओलम्पिक में हिस्सा लेने पर संशय बना हुआ था.

नरसिंह यादव के वकील ने सुनवाई के दौरान अपनी दलील में कहा कि उनके खिलाफ साजिश की गई है. नरसिंह ने इसके खिलाफ पुलिस में अपनी शिकायत भी दर्ज कराई है.

नाडा के कानूनी प्रतिनिधि ने गुरुवार को कहा था कि खिलाड़ी पूरी तरह से यह साबित नहीं कर पाए हैं कि उनके खाने में किसी ने मिलवाट की है.

नरसिंह सोमवार को आए फैसले के बाद पांच अगस्त से ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरियो में शुरू हो रहे ओलम्पिक खेलों में 74 किलोग्राम भारवर्ग में हिस्सा लेने के लिए स्वतंत्र हैं.

इससे पहले भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह ने जोर देते हुए कहा था कि अगर नरसिंह को नाडा से हरी झंडी मिल जाती है तो वह उनके रियो जाने के लिए आगे की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं.

74 किलोग्राम भारवर्ग में भारतीय कोटा बचाए रखने के लिए डब्ल्यूएफआई ने नरसिंह के स्थानापन्न खिलाड़ी के तौर पर प्रवीण राणा को भेजा गया है. हालांकि अब नरसिंह के आरोपमुक्त होने के बाद राणा को वापस बुलाया जा सकता है और नरसिंह के रियो ओलम्पिक में हिस्सा लेने की उम्मीदें बढ़ गई हैं.

नरसिंह ने अपने ऊपर लगा अस्थायी प्रतिबंध हटने के बाद सभी का शुक्रिया अदा किया है.

नरसिंह ने डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष ब्रजभूषण का भी शुक्रिया अदा किया.

प्रतिबंध से बरी होने के बाद नरसिंह ने यहां पत्रकारों से कहा, “मैं नाडा का प्रतिबंध हटाने के लिए धन्यवाद देता हूं. साथ ही मैं डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह को भी धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया. मैं उन्हीं की बदौलत आज यहां हूं. उन्हीं के कारण मैं लगातार अभ्यास भी कर पाया. वह मुझसे कहते रहते थे कि ‘आप अभ्यास करो और आप ही रियो जाओगे’.”

नरिसंह ने देश के प्रधानमंत्री और खेल मंत्रालय का भी आभार व्यक्त किया.

उन्होंने कहा, “मैं देश के प्रधानमंत्री को तहेदिल से धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने एक गरीब खिलाड़ी का साथ दिया. मैं खेल मंत्रालय का भी आभारी हूं.”

प्रतिबंध हटने के बाद काफी खुश दिख रहे नरसिंह ने साथ ही मीडिया और देशवासियों का सच का साथ देने के लिए भी आभार जताया.

नरसिंह ने कहा, “मैं मीडिया को धन्यवाद देना चाहूंगा, जिन्होंने मेरा साथ दिया. आज तक डोप में फंसे किसी खिलाड़ी का मीडिया ने साथ नहीं दिया, लेकिन आप लोगों ने मेरा साथ दिया, सच का साथ दिया. आपके कारण ही मुझे न्याया मिला, इसलिए मैं आप सभी का शुक्रिया अदा करता हूं.”

नरसिंह ने कहा कि देश को उनसे पदक की उम्मीद है और वह इस उम्मीद पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे.

उन्होंने कहा, “मैं काफी खुश हूं. आप सभी को मुझसे उम्मीद है कि मैं पदक जीतूं. मैं पदक जीतने की कोशिश करूंगा, इससे बढ़ कर मेरे लिए कुछ नहीं है.”

फैसले के बाद नरसिंह के समर्थक नाडा कार्यालय के बाहर एकत्रित होकर जश्न मना रहे हैं.

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