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फ्लिपकार्ट ने एयरटेल जीरो का विरोध किया

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: फ्लिपकार्ट ने इंटरनेट पर तथस्था बनाये रखने के लिये एयरटेल जीरो छोड़ दिया है. दरअसल, इंटरनेट तथस्ता के नाम पर इसे मुफ्त किया जा रहा है जबकि एयरटेल एप्पस पर कुछ चुनिंदा वेबसाइट ही उलब्ध हैं. इसी काण से फ्लिपकार्ट ने एयरटेस जीरों एप्प से इंकार कर दिया है. ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट ने मंगलवार को कहा कि इंटरनेट तटस्थता, नेट न्यूट्रलिटी के व्यापक मुद्दे के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए वह एयरटेल जीरो प्लेटफार्म से बाहर हो गई है. वहीं एयरटेल ने कहा कि वह भी इंटरनेट तटस्थता के पक्ष में है और उसके शुल्क मुक्त प्लेटफार्म एयरटेल जीरो को लेकर कुछ भ्रम है. फ्लिपकार्ट ने एक बयान में कहा, “फ्लिपकार्ट का हमेशा से इंटरनेट तटस्थता में विश्वास रहा है, क्योंकि हम इंटरनेट की वजह से ही वजूद में हैं.”

बयान के मुताबिक, “हम एयरटेल जीरो प्लेटफार्म के लिए एयरटेल के साथ चल रही वार्ता से अलग हो रहे हैं. हम इंटरनेट तटस्थता के व्यापक मुद्दे के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे. आने वाले समय में इस मुद्दे के लिए काम करने के लिए हम आंतरिक स्तर पर चर्चा करेंगे.”

भारती एयरटेल ने हाल ही में विपणन प्लेटफार्म एयरटेल जीरो लांच किया है, जिसके माध्यम से मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करने के लिए कोई डाटा शुल्क देय नहीं होगा.

यह मुद्दा इसलिए चर्चा में आ गई है, क्योंकि दूरंसचार सेवा प्रदाता कंपनियों और इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों ने ट्राई से अनुमति मांगी थी कि उन्हें कुछ एप्लीकेशनों और वेबसाइटों को ब्लॉक करने और उनके बैंडविड्थ का उपयोग करने के लिए ग्राहकों और कंपनियों से शुल्क लेने की अनुमति दी जाए.

इंटरनेट तटस्थता के सिद्धांत का आशय यह है कि सभी प्रकार की वैध सामग्री समान रूप से ग्राहकों के लिए उपलब्ध रहे और सेवा प्रदाता किसी भी प्रकार का पक्षपात नहीं करे.

नेट उपयोग करने वाले भारती एयरटेल के नए प्लेटफार्म एयरटेल जीरो की पेशकश का विरोध कर रहे हैं, जिसके तहत ग्राहकों को चुने हुए एप के मुफ्त उपयोग की सुविधा दी जा रही है, लेकिन इस प्लेटफार्म पर सेवा उपलब्ध कराने के लिए कंपनियों से शुल्क ली जा रही है.

फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक सचिन बंसल ने कई ट्विटों के जरिए कहा कि वह इंटरनेट तटस्थता के पक्ष में हैं.

उन्होंने कहा, “मैं भारत में स्टार्टअप कंपनियों को मदद करने के लिए समय और धन खर्च करता हूं. मैं कभी भी ऐसी चीजों का साथ नहीं दूंगा, जो नवाचार का गला घोंटे.”

उन्होंने हालांकि कहा कि सीमित समय के लिए शुल्क रहित एप उपयोग इंटरनेट तटस्थता के विरुद्ध नहीं है, लेकिन प्रतिस्पर्धा के कारण यह मॉडल अधिक समय तक नहीं चल सकता है.

इंटरनेट तटस्थता का मतलब यह है कि सरकार और इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनी इंटरनेट पर सभी तरह के डाटा के साथ समान व्यवहार करेंगी और उपयोगकर्ताओं, सामग्री, प्लेटफॉर्म, साइट, एप्लीकेशन और संचार के माध्यम के साथ शुल्क में भेदभाव नहीं करेंगी.

भारती एयरटेल ने दिसंबर 2014 में कहा था कि स्काइप और वाइबर जैसी सेवाओं के माध्यम से किए गए कॉल पर वह अधिक शुल्क लेगी. बाद में सोशल नेटवर्क पर हुए विरोध को देखते हुए कंपनी ने अपना फैसला वापस ले लिया.

इस मुद्दे पर भारती एयरटेल ने एक बयान जारी कर कहा, “एयरटेल इंटरनेट तटस्थता का पूरी तरह समर्थन करती है. हमारे शुल्क मुक्त डाटा प्लेटफार्म एयरटेल जीरो को लेकर कुछ भ्रांतियां फैली हुई हैं.”

कंपनी ने कहा, “ग्राहक के पास डाटा पैक हो या नहीं हो, वह बिना शुल्क टोल फ्री सेवा का इस्तेमाल कर सकेंगे. प्लेटफार्म पर किसी भी साइट को किसी भी परिस्थिति में बाधित नहीं किया जाएगा और किसी भी साइट को अधिक तरजीह नहीं दिया जाएगा.”

कंपनी ने कहा, “टोल मुक्त प्लेटफार्म सभी सामग्री प्रदाता के लिए बिना भेद-भाव के खुला है और यह 1-800 टोल मुक्त वॉयस सेवा के समान सिद्धांत पर काम करता है.”

ईकॉमर्स प्लेटफार्म फ्लिपकार्ट ने मंगलवार को कहा कि इंटरनेट तटस्थता के बड़े मुद्दे के समर्थन में वह एयरटेल जीरो से बाहर हो रही है.

इस पर एयरटेल ने अपनी टिप्पणी में कहा, “फ्लिपकार्ट का बयान हमारे रुख से अलग नहीं है, क्योंकि एयरटेल जीरो शुल्क वाली सेवा नहीं है.”

सोमवार को केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार को विवादित मुद्दे पर फैसला लेने में मदद करने के लिए दूरसंचार विभाग द्वारा इंटरनेट तटस्थता पर स्थापित समिति मई के दूसरे सप्ताह तक अपनी रपट सौंप देगी.

उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की समिति द्वारा मुद्दे के पक्ष और विपक्ष में अध्ययन करने की इस पूरी प्रक्रिया से सरकार को फैसला लेने में सुविधा होगी. प्रसाद ने कहा, “यही कारण है कि हम भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण को इसमें शामिल नहीं कर रहे हैं.”

इंटरनेट समिति में छह सदस्य हैं.

मार्च में ट्राई ने एक पत्र जारी कर उपयोगकर्ताओं और कंपनियों से यह सलाह मांगी थी कि ओवर-द-टॉप सेवाओं का किस प्रकार से नियमन किया जाए. हितधारकों से 24 अप्रैल तक सलाह मांगी गई है. दूसरे चरण की सलाह आठ मई तक भेजने के लिए कहा गया है.

कांग्रेस नेता अजय माकन ने भी कहा है कि उनकी पार्टी इंटरनेट तटस्थता का समर्थन करती है और इंटरनेट की आजादी कम नहीं की जानी चाहिए.

उधर नैसकॉम के अध्यक्ष आर. चंद्रशेखर ने कहा कि भरत को इंटरनेट तटस्थता की तरफ बढ़ना चाहिए, क्योंकि इंटरनेट के कई फायदे हैं.

चंद्रशेखर ने कहा, “हम जल्द ही ट्राई के परामर्श पत्र के जवाब में अपने विचार सौंप देंगे.”

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