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मुकेश गुप्ता के खिलाफ छापें लेकिन तथ्यों के साथ

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एण्टी करप्शन ब्यूरो के एडीजी मुकेश गुप्ता के खिलाफ खबर छापने को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश दिये हैं.हाईकोर्ट ने इसी साल 2 फरवरी को जगत विजन पत्रिका पर मुकेश गुप्ता से जुड़ी निजता के हनन वाली खबरों के प्रकाशन पर रोक लगा दी थी.

गौरतलब है कि विजया पाठक के संपादन में प्रकाशित होने वाली एक पत्रिका जगत विजन में छत्तीसगढ़ के एण्टी करप्शन ब्यूरो के एडीजी मुकेश गुप्ता के खिलाफ आवरण कथा प्रकाशित हुई थी. इस आवरण कथा में एडीजी गुप्ता पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाये गये थे. जिसके बाद एडीजी गुप्ता ने संपादक और प्रकाशक के खिलाफ परिवाद दायर किया था.

हाईकोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता मुकेश गुप्ता की ओर से बताया गया कि जगत विजन में उनकी निजता संबंधी समाचार का लगातार प्रकाशन किया जा रहा है. साथ ही पत्रिका के मालिक व रिपोर्टर उन्हें इससे भी ज्यादा भद्दे समाचार के प्रकाशन की धमकी दे रहे हैं. इससे उनकी निजता के अधिकार का हनन हो रहा है.

इस मामले में देश के सुप्रसिद्ध अधिवक्ता महेश जेठमलानी, राजीव श्रीवास्तव, चैत्रा पवार और मलय श्रीवास्तव ने श्री गुप्ता की तरफ से पैरवी की थी. इसके बाद जस्टिस प्रशांत मिश्रा की एकलपीठ ने मुकेश गुप्ता की निजता से जुड़े समाचार के प्रकाशन पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी थी.

अब शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मुकेश गुप्ता की निजता से संबंधिक समाचारों के प्रकाशन पर लगी रोक को लेकर स्पष्ट किया कि पत्रिका के प्रकाशन पर कहीं रोक नहीं है. हाईकोर्ट ने कहा कि गुप्ता के खिलाफ जो भी खबरें प्रकाशित हों, वे तथ्यपरक हों. पुराने फैसले का हवाला देते हुये अदालत ने कहा कि श्री गुप्ता के विरुद्ध अप्रमाणित, मिथ्या और मानहानिकारक खबरों के प्रकाशन पर रोक के आदेश दिये गये थे. विजया पाठक और जगत विजन की तरफ से अधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने मामले की पैरवी की.

प्रकाशितः 15: 35 PM
पुनः संपादित-7:20 PM

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