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मादुरो के अमरीका विरोध का कारण

कराकस | एजेंसी: वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने साजिश रचने के आरोप में तीन अमरीकी राजनयिकों को अपने देश से चले जाने को कहा है. उधर वाशिंगटन में अमरीकी विदेश विभाग ने इसके तीन राजनायिकों पर वेनेजुएला की राजधानी कराकास में एंडिस नागरिकों के खिलाफ षडयंत्र रचने के लगाए गए आरोपों से मंगलवार को इंकार किया है.

गौर तलब है कि वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने कहा है कि जब तक अमरीकी राजनयिक उनके देश को अस्थिर करने की कोशिश करते रहेंगे तब तक उनका देश अमरीका के साथ गर्मजोशी भरे रिश्ते नहीं रखेगा. मादुरो ने मंगलवार को कहा कि नए सिरे से रिश्ते स्थापित किए जा सकते हैं लेकिन यह तब ही होगा जब वॉशिंगटन ऐसी गतिविधियों को विराम दे दे.

अमरीकी विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन साकी ने संवाददाताओं से कहा, “हम वेनेजुएला सरकार को अस्थिर करने के लिए किसी भी तरह के षडयंत्र में अमेरिकी सरकार के शामिल रहने के आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं.”

ज्ञात्वय रहे कि तीन अमरीकी राजनयिक जिनका नाम है केली किडरलिंग, एलिजाबेथ हंडरलैंड और डेविट मट्ट पर आरोप है कि वे इन लोगों ने वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था और पॉवर ग्रिड को नुकसान पहुंचाने के लिए घोर दक्षिणपंथी विचारधारा वाले समूहों के साथ साजिश रचा.

वेनेजुएला के पूर्व राष्ट्रपति हूगो चावेज की अकाल मृत्यु ने अमरीकी हुक्मरानों को आशा की एक किरण दिखाई थी. उन्हे लगने लगा कि अब बोलीवोरियन क्रांति का भी अंत हो जायेगा. तेल घरानों की जीभ फिर से वेनेजुएला के तेल कुओं पर कब्जा करने के लिये लपलपाने लगी. उन्हें लगा कि तेल के विशाल भंडार उन्हें फिर से पुकार रहे हैं.

परंतु हूगो चावेज़ के उत्तराधिकारी निकोलस मादुरो की वेनेजुएला के राष्ट्रपति के चुनाव में जीत से उनके तमाम उम्मीदो पर पानी फेर दिया. तेल घरानों ने जी तोड़ कोशिश की कि हेनरिक केप्रीलस सत्तारुढ़ हो जाये लेकिन यह संभव नहीं हो सका. हूगो की मृत्यु के पश्चात भी उनके विचार आज भी वहां के जनता को प्रभावित करते हैं, यह बात और स्पष्ट हो गई.

निकोलस मादुरो को अमरीकी विरोधी खेमे में गिना जाता है.

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