राष्ट्र

इस्तीफा मेरी गलती-नीतीश

पटना | संवाददाता: नीतीश कुमार ने कहा है कि भावना में बहकर उन्होंने इस्तीफा दिया था. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार जीतन राम मांझी पर तंज कसते हुए कहा कि सदन में जाने के पहले ही मैदान छोड़कर भाग गए. उन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए बिहार की जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगी और कहा कि उन्होंने भावना में बहकर इस्तीफा दिया था. मांझी के इस्तीफे के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा, “मैंने भावना में बहकर त्यागपत्र दिया था और मांझी को मुख्यमंत्री बनाया. इस गलती के लिए बिहार के लोगों से माफी मांगता हूं और भविष्य में ऐसी गलती नहीं करने का विश्वास भी देता हूं.”

नीतीश ने कहा, “अगर मुझे मौका मिला तो अपने सुशासन एजेंडे के अनुरूप काम करूंगा. मैं उसी तरह राज्य की सेवा करूंगा, जिस तरह पहले साढ़े आठ साल तक किया.”

उन्होंने मांझी को सलाह देते हुए कहा कि अच्छा होता कि जिस पार्टी ने उन्हें इतना बड़ा स्थान दिया है, वे उस पार्टी के फैसले का सम्मान करते और जाति कार्ड नहीं खेलते.

नीतीश ने नैतिक समर्थन देने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती को भी धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि बिहार में शायद संसदीय इतिहास में पहली घटना हुई है, जहां विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण से पहले मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दे दिया.

नीतीश ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आज भाजपा ‘बेनकाब’ हो गई है. उन्होंने मांझी को मुख्यमंत्री बनाने की गलती स्वीकार की और मांझी के आरोप को नकारते हुए कहा कि सरकारी कार्यो में हस्तक्षेप की बात सरासर झूठ है.

भाजपा पर हमला करते हुए नीतीश ने कहा, “भाजपा राज्य में जुगाड़ तकनीक से सरकार बनाना और चलाना चाहती थी. उसी के इशारे पर इस बीच सारे अनैतिक कार्य हो रहे थे.” अगली सरकार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के शामिल होने के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी तो राज्यपाल के निर्णय का इंतजार किया जा रहा है. जब सरकार बनाने का समय आएगा, तब देखा जाएगा.

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