रायपुर

तालाब बचाने सड़कों पर उतरेगी जनता

रायपुर | संवाददाता: रायपुर के महाराजबंद तालाब को बचाने के लिये आम जनता सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रही है. रविवार को महाराजबंध संघर्ष समिति के सदस्यों ने पूर्व विधायक वीरेंद्र पांडेय और सामाजिक कार्यकर्ता गौतम बद्दोपाध्याय के नेतृत्व में मौके का मुआयना किया और सोमवार को इस संबंध में कलेक्टर से मिल कर तालाब को बचाने के लिये ज्ञापन देने का निर्णय लिया.

समिति के कन्हैया अग्रवाल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार पांच करोड़ की लागत से इल तालाब का कथित सौंदर्यीकरण करने जा रही है, लेकिन सरकार पूरे तालाब को ही खत्म करने पर तुली हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि तालाब में हो रहे लगातार अतिक्रमण के चलते तालाब का रकबा आधा ही बचा है. इसके बाद अब सरकार तालाब के एक बड़े हिस्से को पाट कर वहां सड़क का निर्माण करवा रही है.

कन्हैया अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में कलेक्टर से मुलाकात कर तालाब के सीमांकन की मांग की जायेगी. इसके अलावा 25 अप्रैल को तालाब बचाने के लिये धरना भी दिया जायेगा.

सामाजिक कार्यकर्ता गौतम बंदोपाध्याय ने कहा कि छत्तीसगढ़ लगातार जल संकट के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में जल स्रोतों की रक्षा हरेक नागरिक का दायित्व है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से गठिक कैंपा मद से राज्य सरकार ने महाराजबंद तालाब के कथित सौंदर्यीकरण का निर्णय लिया है. राज्य सरकार इस तालाब को गरमी के मौसम में ही पूरी तरह खाली कर के वहां सड़क आदि बनाना चाह रही है. आरोप है कि जहां सड़क बनाई जा रही है, वहां कुछ बड़े लोगों की ज़मीने हैं. जाहिर है, तालाब का पानी खाली करने से एक बड़े इलाके में जल स्तर नीचे गिरने का खतरा पैदा हो सकता है.

महाराजबंद तालाब के सौंदर्यीकरण की फाइल पिछले कई महीनों से धूल खाते पड़ी हुई थी. लेकिन केंद्र सरकार ने राज्यों को नोटिस जारी कर इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश जारी किये हैं. इसके अलावा पिछले सप्ताह ही केंद्र सरकार ने राज्यों को नोटिस जारी कर हर सप्ताह इस संबंध में प्रगति रिपोर्ट देने के भी निर्देश दिये हैं.

दिलचस्प ये है कि सरकार ने अपने दस्तावेजों में हर कहीं महाराजबंद को तालाब के बजाये ‘वैटलैंड’ यानी नमी वाली भूमि दर्शाते हुये इसके सुधार और सौंदर्य की बात कही है. सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार इसकी तालाब की पहचान को छुपा कर इसे वैटलैंड बता कर केंद्र सरकार की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है.

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