राष्ट्र

जेट एयरवेज में यात्री असुरक्षित?

मुंबई | समाचार डेस्क: जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने आरोप लगाया कि जेट एयरवेज में उनपर हमला किया गया. कन्हैया कुमार ने जेट एयरवेज पर हमलावर पर कोई कार्यवाही न करने का आरोप लगाया है. कन्हैया के अनुसार उन्हें जेट एयरवेज ने इसके बाद उतार दिया. कन्हैया के आरोप से सवाल उठता है कि क्या जेट एयरवेज में यात्री सुरक्षित हैं? जेट एयरवेज ने पीड़ित तथा हमलावर में फर्क न करते हुये दोनों को विमान से उतार दिया.

उल्लेखनीय है कि जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष का सोशल मीडिया में भी एक बड़े वर्ग द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है. यह विरोध उनपर हमलें के रूप में सामने आयेगा वह भी विमान के अंदर जैसी सुरक्षित स्थान पर इसे किसने सोचा था.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने रविवार को कहा कि जेट एयरवेज की मुंबई-पुणे उड़ान में यात्रा के दौरान एक यात्री ने उनका गला घोंटने की कोशिश की, लेकिन एयरलाइन अधिकारियों ने हमलावर के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया.

अपने कई ट्वीट में कन्हैया ने कहा कि विमान के उड़ान भरने से पहले ही विमान संख्या 9डब्ल्यू 618 के अंदर एक यात्री ने उन पर हमला किया.

कन्हैया के अनुसार, उन्होंने इस बारे में जब जेट एयरवेज के कर्मचारियों से शिकायत की तो विमानन कंपनी ने उन्हें और हमलावर, दोनों को विमान से उतार दिया.

इसके बाद कन्हैया को एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सड़क मार्ग से पुणे जाना पड़ा.

एयरलाइन ने कहा, “मुंबई से पुणे जाने वाली जेट एयवेज की उड़ान संख्या 9डब्ल्यू 618 में यात्रा करने वाले कुछ यात्रियों को परिचालन सुरक्षा के मद्देनजर मुंबई हवाई अड्डे पर उतार दिया गया.”

कन्हैया ने अपने ट्वीट में कहा, “एक बार फिर मुझ पर हमला हुआ. इस बार विमान में बैठे व्यक्ति ने मेरा गला घोंटने की कोशिश की.”

जेएनयूएसयू अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि एयरलाइन के सदस्यों ने हमलावर के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने से मना कर दिया.

उन्होंने कहा, “घटना के बाद जेट एयरवेज के कर्मचारी ने हमलावर के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से सीधे तौर पर मना कर दिया.”

कन्हैया ने कहा, “वास्तव में जेट एयरवेज को प्रताड़ित व्यक्ति और प्रताड़ना देने वाले व्यक्ति में कोई अंतर नजर नहीं आता. अगर आप शिकायत करते हैं, तो वे आपको विमान से उतार बाहर कर देंगे.”

कन्हैया को जेएनयू में 12 फरवरी को राष्ट्र विरोधी नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन पुलिस द्वारा उनके खिलाफ सबूत न पेश कर पाने के कारण उन्हें जमानत दे दी गई.

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