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सीरिया के खिलाफ ताकत की भाषा बंद हो: पुतिन

वाशिंगटन | एजेंसी: राष्ट्रपति बराक ओबामा से सीरिया संकट के कूटनीतिक हल की संभावना को आगे बढ़ाने का आग्रह करते हुए रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, “हमें ताकत की भाषा का उपयोग बंद करके सभ्य कूटनीतिक और राजनीतिक समाधान की ओर लौटना चाहिए.”

सीरिया के रासायनिक हथियारों को सुरक्षित ढंग से नष्ट करने की योजना पेश करने के बाद सीरिया संकट पर वैश्विक मंच के केंद्र में आ चुके रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमरीका को संयुक्त राष्ट्र की उपेक्षा करके सैन्य कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ने के खिलाफ चेतावनी दी है. न्यूयार्क टाइम्स में बुधवार रात को प्रकाशित एक ऑनलाइन लेख में पुतिन ने कहा, “सीरिया के खिलाफ अमरीका के संभावित हमले का नतीजा अधिक निर्दोष लोगों की मौत होगा. इससे संघर्ष और भड़केगा और सीरिया की सीमाओं के बाहर जा सकता है.”

पुतिन ने अमरीकी जनता और नेताओं को सीधे संबोधित करते हुए कहा कि हमले से हिंसा और संभवत: आतंकवाद की एक नई लहर पैदा हो सकती है. सीरिया में जारी गृहयुद्ध को विदेशी हथियारों से लड़े जा रहे आंतरिक संघर्ष की संज्ञा देते हुए पुतिन ने सीरिया में विपक्ष का समर्थन करने के प्रति चेतावनी देते हुए कहा कि उनमें अल कायदा के लड़ाके और अन्य चरमपंथी ताकतें शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि रूस सीरिया का पक्ष नहीं ले रहा है वरन एक समझौता योजना का पक्ष ले रहा है. रूसी राष्ट्रपति के इस रुख से अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिये मुश्किले पैदा हो गई है. ऐसा लगता है कि सीरिया मुद्दे पर अमरीका अलग-थलग पड़ा जा रहा है.

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