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दलित के घर खाना खा कर चर्चा में आये रमन सिंह

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के बंगाल के एक दलित के घर खाना खाने की सोशल मीडिया में चर्चा है. कुछ लोग जहां रमन सिंह के इस काम की प्रशंसा कर रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी तस्वीर को लेकर कहा जा रहा है कि दलित के घर खाना खाना और उसे प्रचारित करना रमन सिंह की जातिवादी सोच का हिस्सा है. सोशल मीडिया में इस बात को लेकर बहस छिड़ी हुई है.

छत्तीसगढ़ के जनसंपर्क विभाग के अनुसार मुख्यमंत्री रमन सिंह ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के प्रवास के दौरान मिदनापुर जिले के ग्राम हबीबपुर में दलित समुदाय के श्री पाचा भूनिया के घर के भोजन किया.

मुख्यमंत्री ने भूनिया को धन्यवाद दिया और अपनी शुभकामनाएं दी. रमन सिंह के साथ खड़गपुर के विधायक दिलीप घोष और अन्य वरिष्ठ जनों ने भी श्री भूनिया के घर भोजन किया. हबीबपुर पहुंचने पर वहां के ग्रामीणों ने डॉ. रमन सिंह का आत्मीय स्वागत किया.

मुख्यमंत्री की यह तस्वीर जैसे ही वायरल हुई, चर्चा के साथ-साथ इस पर बहस भी शुरु हो गई. शाम होते न होते लोगों के बीच यह बहस के केंद्र में आ गया. अधिकांश लोगों ने जहां रमन सिंह की प्रशंसा की, वहीं कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री की आलोचना भी की.

आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने वाट्सऐप पर लिखा कि कोई किसी को “दलित”बता कर उसके यहाँ खाना खाने पहुंच जाए,इससे उन लोगों की यह सोच भी झलक जाती है कि “देखो तुम लोग छोटी जाति के और हम बड़ी जाति के, उसके बाद भी दोना पत्तल के नीचे नई थाली रख बिसलरी का पानी पीते हुए भोजन कर रहे हैं”,उसके बाद इस पूरी नौटंकी का मीडिया में प्रचार प्रसार तड़का लगा देता है जो यह सिद्ध करता है, ऐसे लोगों की नीयत ठीक नहीं है.

कुणाल ने लिखा-इस आधुनिक समाज में हम लोग प्रतिदिन होटल/दफ्तर/बस स्टैंड/रेलवे स्टेशन में तमाम जगह खाते पीते हैं वह भी क्या किसी की जाति धर्म पूछ कर? क्या आप अपने घर मे आये किसी मेहमान से उसकी जाति/धर्म पूछ कर चाय पानी पिलाते हैं? नेताओं की सोच दोयम दर्जे की घटिया हो चली है इनका बस चले तो देश और समाज को पुनः 15 वीं सदी में ले जाकर अपना उल्लू सीधा करें.

सचिन कुमार नामक चिकित्सा के एक छात्र ने लिखा-रमन सिंह ने एक दलित का उद्धार कर दिया. भला एक दलित के घर ठाकुर साहब ने खाना खाया, यह क्या कम है !

भाजपा समर्थक संजय तिवारी ने लिखा-जाति को मिटाने के लिये जरुरी है कि दूसरे नेता भी ऐसी पहल करें.

वाट्सऐप पर ही एक संदेश और वायरल हुआ- रमन सिंह ने गरीब के घर खाना खा कर साबित कर दिया है कि वे समाज के अंतिम व्यक्ति के साथ हैं. यही तो भाजपा का नारा है-सबके साथ, सबका विकास.

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