छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ की जेल में रामपाल के प्रवचन

रायपुर | दैनिक छत्तीसगढ़: ख़ुद को संत कबीर का अवतार घोषित करने वाले हत्या, बंधक बनाने, राजद्रोह और अवैध तरीके से सामग्री जमा करने के आरोपी हिसार जेल में कैद रामपाल के अनुयायी इन दिनों छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाकों में अपने पंथ के प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं. रामपाल के लिखे किताबों को लेकर जगह-जगह प्रचार के अलावा प्रवचनों को प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखला रहे हैं. इतना ही नहीं उनके अनुयायी यू-ट्यूब पर भी रामपाल के प्रवचनों, उससे जुड़े प्रसंगों को जारी कर रहे हैं. हाल ही में 21 अक्टूबर को केंद्रीय जेल अंबिकापुर में रामपाल के प्रवचन प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया गया. अंबिकापुर जेल प्रशासन ने इसकी औपचारिक-लिखित अनुमति दी थी.

इस संबंध में केन्द्रीय जेल अम्बिकापुर के अधीक्षक राजेन्द्र गायकवाड़ का कहना था कि बंदियों के हित में हमने फैसला लिया है. गांधीजी ने कहा था, अपराध से घृणा करो अपराधी से नहीं. हम चाहते हैं कि बंदियों के जीवन में सुधार हो. इस तरह के आयोजन के लिए हम पूरी तरह पूछ परख करते हैं कि कहीं किसी व्यक्ति या संस्था का हित तो नहीं सध रहा इसके बाद ही फैसला लेते हैं. रामपाल अभी अंडर ट्रायल हैं. उसकी किताबें भगवत् गीता पर आधारित हैं, अच्छी हैं. हमने बंदियों की आस्था देखकर ही फैसला लिया, व्यक्ति देखकर नहीं.

रामपाल के अनुयायियों के छत्तीसगढ़ समन्वयक विक्रम दास ने बताया कि भाईदूज 21 अक्टूबर को उन्होंने रामपाल के ज्ञान का प्रचार किया. कैदियों को प्रोजेक्टर के जरिये रामपाल के प्रवचन दिखाए गए. उन्होंने बताया कि 4 माह पहले मप्र के बैतूल जेल में इसी तरह का कार्यक्रम रखा गया था. कैदियों की मांग पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था. यहां कई कैदियों ने नाम दान (पंथ की सदस्यता) लिया. उनका कहना था कि वे हिंसा,अपराध, सामाजिक पाखंड के खिलाफ जनजागरुकता लाने का प्रयास कर रहे हैं.

रामपाल के अनुयायी वरिष्ठ भगत पंकज दास के मुताबिक नशाखोरी और भ्रूण हत्या को लेकर वे जगह-जगह कार्यक्रम कर रहे हैं. उनके कई अनुयायियों ने एम्स रायपुर में शरीर दान की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि बिलासपुर और रायगढ़ जेल में भी रामपाल के प्रवचनों को प्रोजेक्टर के जरिये दिखाया जाना प्रस्तावित है. इसके लिए प्रशासन से अनुमति ली जाएगी. उन्होंने बताया कि लोग उनके नाम दान केंद्र आकर जुड़ते जा रहे हैं.

छत्तीसगढ़ में 6 केंद्र हैं- अंबिकापुर, चांपा, बालोद, कांकेर, मेमरा (महासमुंद) और भाटापारा. भाटापारा केंद्र अभी 22 अक्टूबर से प्रारंभ किया गया है. नाम दान लेने वाले इन भगतो (सदस्यों) के चंदे से प्रचार-प्रसार होता है.

ज्ञात हो कि रामपाल इस्लामी विद्वान डॉक्टर ज़ाकिर नाइक और कई अन्य धर्म गुरुओं पर अपनी टिप्पणियों को लेकर भी चर्चा में रहे हैं. अभी दशहरा के पहले महासमुंद के मामा-भांजा में पंथ प्रचार-प्रसार के दौरान रामपाल के अनुयायियों के साथ एक संगठन ने हाथापाई की थी जिसकी शिकायत पुलिस में की गई थी. कुछ माह पहले बसना में भी इसी तरह की स्थिति सामने आई थी. पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा था.

ज्ञात हो कि वर्ष 2006 के एक हत्या के मामले में 2008 में संत रामपाल को ज़मानत मिली थी, लेकिन उसके बाद से वह एक बार भी अदालत में पेश नहीं हुआ. नवंबर, 2014 में कोर्ट के आदेश के बाद और रामपाल समर्थकों के प्रतिरोध के बाद उसे गिरफ्तार किया गया तब से वह जेल में है. प्रतिरोध करने वाले उनके समर्थकों में 26 छत्तीसगढ़ के थे जिन्हें जेल जाना पड़ा. ये सभी अभी जमानत पर छूट गए हैं.

सरकारी विज्ञप्ति,
कैदियों के जागरण के लिए
अम्बिकापुर 23 अक्टूबर 2017/ केन्द्रीय जेल अम्बिकापुर के अधीक्षक श्री राजेन्द्र गायकवाड ने बताया कि गत दिवस कबीर पंथियों द्वारा जेल के अंदर परिरूद्ध बंदियों के बौद्धिक एवं आध्यात्मिक विकास के लिए मानव उत्थान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिससे कैदियों के जीवन में संत कबीर के माध्यम से सामाजिक बुराई जैसे – नशाखोरी, दहेज प्रथा, व्याभिचार का जड़ से विनाश कर सामाजिक उत्थान किया जा सके. बंदियों को प्रोजेक्टर के माध्यम से भी जागरूक किया गया तथा ज्ञानवर्धक किताबें भी वितरित की गर्इं. इसके साथ ही भाई दूज त्यौहार के अवसर पर बंदियों से उनकी बहनों की मुलाकात कराई गई. बहनों ने भाईयों के लम्बी उम्र की कामना की. जेल परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में जेल अधीक्षक राजेन्द्र गायकवाड, और अन्य जेल अधिकारी, अशासकीय संदर्शकगण उमेश अग्रवाल, श्याम गुप्ता, श्रीमती इंदु कश्यप तथा संत राम पाल के अनुयायी एवं कबीर पंथी सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे.

रामपाल

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