baatcheet

संसद को इग्नोर किया जा रहा है

भारत अमरीका का रणनीतिक साझेदार बनने में लगा है तो वही पाकिस्तान को एफ-16 विमान दे रहा है. अमरीका का साझेदार बनने की कोशिश में भारत अपने स्वतंत्र विदेश नीति का त्याग कर रहा है. जिसके दूरगामी परिणाम होंगे. माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार संसद में चर्चा किए बिना ही एकतरफा सभी फैसले ले रही है.

येचुरी ने एक साक्षात्कार में कहा, “सरकार खुद ही महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसले ले रही है और संसद में कोई मामला नहीं ला रही है, चाहे वह विदेश नीति के मामले हों या फिर रणनीतिक गठजोड़ या रक्षा सहयोग के.”

माकपा नेता ने याद दिलाया कि हालांकि यूपीए-द्वितीय सरकार ने भी अमरीका के साथ 123 परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन संसद में इस पर कई बार चर्चा की गई थी.

येचुरी ने कहा, “उन्होंने अमरीका के साथ अब जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, उसके मुताबिक भारत, अमरीका का कनिष्ठ रणनीतिक साझेदार है और वह दक्षिणी चीन सागर में अमरीका और जापान के साथ संयुक्त नौसेनिक अभ्यासों में हिस्सा लेगा. साथ ही हमारी अर्थव्यवस्था में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को स्वत: प्रवेश की अनुमति दे दी गई है. इतने बड़े फैसलों पर, ऐसे फैसलों पर जिनका असर हमारे हितों पर दीर्घकाल के लिए पड़ेगा, इन पर संसद में चर्चा नहीं की गई.”

येचुरी ने कहा कि मोदी सरकार जोर देकर कहती है कि ये सभी कार्यपालिका के फैसला हैं लेकिन ‘कार्यपालिका संसद के प्रति जवाबदेह होती है.’

वामपंथी नेता ने कहा कि इनमें से कुछ फैसले भारत के हित में नहीं हैं, खासतौर पर चीन समेत पड़ोसी देशों के साथ अच्छे और सौहार्दपूर्ण रिश्ते बनाए रखने के संदर्भ में.

उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने अमरीका को किसी भी सैन्य हस्तक्षेप में सैन्य सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता दर्शाई है. हमारी स्वतंत्र विदेश नीति का क्या हुआ?”

उन्होंने कहा कि हालांकि भारत दक्षिण एशिया में अमरीका के रणनीतिक साझेदार की पाकिस्तान की जगह लेने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वाशिंगटन पाकिस्तान को अभी भी एफ-16 विमान और हथियार दे रहा है.

उन्होंने कहा, “सरकार भारत को कहां ले जा रही है? यह देश को पाकिस्तान के संदर्भ में देखे जाने की स्थिति में ले जा रही है. यह है उनकी विदेश नीति. और, यह है अमरीका का हमारे साथ व्यवहार.”

येचुरी ने एफडीआई पर कहा कि मोदी सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के पहले के रुख के विपरीत रक्षा सहित सभी क्षेत्रों में एफडीआई को पूर्ण मंजूरी दे दी है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि इससे भारतीय कामगारों के हितों को नुकसान पहुंचेगा.

उन्होंने कहा, “अब हमारे बाजारों, हमारे संसाधनों और हमारे सस्ते श्रम तक विदेशी पूंजी की पहुंच हो गई है. विदेशी पूंजी अपने लिए अधिकतम मुनाफा कमा सकती है, जबकि भारतीय श्रमिकों को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा.”

माकपा नेता ने वस्तु एवं कर सेवा विधेयक को लेकर भी मोदी सरकार की नीयत पर सवाल उठाए.

उन्होंने कहा, “हम सरकार से दो साल से जीएसटी पर सर्वदलीय बैठक बुलाने को कह रहे हैं. लेकिन, सरकार की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं आया है. वे इसे अपने और कांग्रेस के बीच द्विपक्षीय मुद्दा मान रहे हैं.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!